जिम्मेदार अधिकारियों की मनमानी से घटती जा रही वन संपदा
वशिष्ठ टाइम्स।
कोरिया। कोरिया जिले की शान गुरु घासीदास राष्ट्रीय उद्यान में अपार वन संपदा और अनेक प्रकार की दुर्लभ जड़ी बूटियां हैं, अनेक प्रकार के जंगली जानवर शेर चीता, भालू और भी कई प्रजाति के जानवर इसमें निवास करते हैं। लेकिन विडंबना यह है कि राष्ट्रीय उद्यान की सुरक्षा का जिम्मा जिन अधिकारियों और कर्मचारियों पर है, वे सिर्फ अपनी जेबें भरने में लगे हुए हैं। राष्ट्रीय उद्यान में कोई भी निर्माण कार्य में निर्माण सामग्री के लिए राष्ट्रीय उद्यान के पेड़ों की अवैध कटाई, अपार खनिज संपदा का बेतरतीब तरीके से दोहन कर रहे हैं।
एक तरफ तो राष्ट्रीय उद्यान के अंदर से एक सुखी लकड़ी भी लाना प्रतिबंधित है वंही दूसरी ओर संबंधित कर्मचारी खुलकर अधिकारियों के संरक्षण में स्वयं के मालवाहक वाहन लगा कर घटिया निर्माण करा कर अपनी जेबें भरने में लगे हुए हैं, मजे की बात तो यह है कि इनके द्वारा कराये जा रहे कार्यों की समीक्षा करने वाला कोई नहीं है। कई कार्यो को सिर्फ कागजों में दर्शा कर तथा कुछ में मशीनों का प्रयोग कर आनन फानन में काम पूरा कर राशि निकाल ली जाती है। दूसरी ओर शासन तथा जनता के समक्ष सिर्फ दिखावे के लिए सामग्री के नाम पर साल भर के लिए निविदा जारी कर संबंधित प्रदायकर्ता का बिल लगा कर शासकीय राशि का दुरुपयोग किया जाता है। अफसोस की बात यह है कि शासन द्वारा हर साल राष्ट्रीय उद्यान के विकास के लिए करोड़ों रुपए दिए जाते हैं लेकिन विकास की जगह रास्ट्रीय उद्यान की वन और खनिज संपदा तथा दुर्लभ जानवर तेजी से घटते जा रहे हैं और इनकी सुध लेने वाला कोई नहीं है, वंही जिम्मेदार अधिकारी कर्मचारी सिर्फ अपनी संपत्ति बनाने में लगे हुए हैं।