
सरकारी दफतर वाले और जनता मिल कर इसको व्यापार सा बना लिए है जिसमें किसी भी विभाग में जनसूचना अधिकार के तहत आवेदन लगा कर विभाग वालों से पैसे की मांग करते है। जब अधिकारी सही जानकारी ना देने पर फस जाता है तो वह आवेदक को मजबूर करके जो जानकारी के बदले पैसे देकर अपने कागजों में लिखवा लेते है कि हमें जानकारी प्राप्त हो गयी है। यह सूचना का अधिकार खुले आम धज्जियां उड़ायी जा रही है।
शासन जांच बैठाकर सूचना के तहत जानकारी मांगने वालों का यह संपत्ती, यह शान-शौकत कहां से आ रही है इसकी पूरी जानकारी दें।