वशिष्ठ टाइम्स। बैकुण्ठपुर।
कांग्रेस की सत्ता आने के बाद से विपक्ष द्वारा भ्रष्टचार, अवैध वसूली ना कर पाना तथा नगर पालिका चुनाव नजदीक आते ही कांग्रेस को बदनाम करने के लिए विपक्ष के द्वारा बैकुण्ठपुर के जोड़ा तालाब के गहरीकरण के लिए डीएमएफ से 80 लाख रूपये व वार्डों में साढ़े पांच लाख के पेयजल वितरण के लिए मंजूरी दी गयी थी। नपा उपाध्यक्ष तथा पाषर्दों द्वारा अशोक जायसवाल पर भ्रष्टाचार का आरोप लगाया गया है। तथा यह भी आरोप लगाया गया कि वह दूसरे के नाम से ठेका लेकर खुद काम करवाते हैं।
चुनाव के पास आ जाने के कारण विपक्ष से विभिन्न प्रकार के कांग्रेस के खिलाफ फर्जी मामले बनाये जायेंगें। बैकुण्ठपुर के भोली-भाली जनता को गुमराह करने का खेल सा बना लिया गया है। नपा उपाध्यक्ष द्वारा लगाये गये अशोक जायसवाल जी पर आरोप बुनियादी है तो वह उपाध्यक्ष पद पर होने के बावजूद अभी तक शांत क्यों थे? अगर यह भ्रष्टाचार सही है तो वह रोकने के लिए सक्षम है। तथा यह मामला पहले ही सामने लाकर भ्रष्टाचार को रोक सकते थे।
वार्डों में पार्षद का चुनाव जनता द्वारा ज्ञापन देने के लिए नहीं बल्कि उनकी समस्याओं के निवारण करने के लिए किया जाता है नपा अध्यक्ष जी अगर ऐसा भ्रष्टाचार कर रहे थे तो सभी पार्षद गण एक जुट होकर उनके खिलाफ अविस्वास पत्र लाकर अध्यक्ष के विरोध में आवाज उठा सकते थे। जब पूरे कार्य पूर्ण हो गये तब उपाध्यक्ष द्वारा पार्षदों के साथ मिलकर आवाज उठाना यह सिर्फ जनता को दिखाकर गुमराह करने वाली उपाध्यक्ष की मुह देखी बात है।
उपाध्यक्ष का पद केवल ज्ञापन देने व कुर्सी तोड़ने के लिए नहीं बल्कि अध्यक्ष के ना मौजुदगी या ठीक से कार्य ना करने पर वह भी वार्डो में जाकर कार्यों तथा समस्याओं का निरीक्षण कर अपनी निगरानी में कर सकते हैं।