स्ंपादक का संवाद अनुप श्रीवास्तव के बीच
बैकुंठपर कोरिया छ.ग. के निवासी अनूप श्रीवास्तव के द्वारा परिवार होटल के मालिक संजय जायसवाल व नगरपालिका के कार्मचारी छत्तर राजवाडे समक्ष संपादक से अपूप श्रीवास्तव के द्वारा कोरियाकुमार के संबध में प्रष्न व उत्तर का जवाब।
प्रष्न 01 अपूप श्रीवास्तव के द्वारा बैकुंठपुर के मसीहा व बैकुंठपुर के लिये वरदान देने वाले के उपर एक प्रष्न चिन्ह उठा की 53 दिन का स्व. कुमार साहब का 9 सितंबर को जो पूर्णतिथि के सबंध में प्रष्न चिन्ह?
उत्तरः- बैकुंठपुर के रियासत से स्व रामचन्द्र सिंहदेव के द्वारा पूरे कोरिया जिले के अन्दर जो उनके द्वारा षासन के पैसे से या योजना से उस बात का कोरिया जिले से आर एस.एस. से सबंध रखने वाले ये समझ ले की सनातन धर्म में महिला का 12 दिन का 13वीं होता हैं,और पुरूष 13दिन का 13वीं होता हैं । और इस्लाम धर्म में 40दिन का 40वां होता हैं । जब सभी कार्यक्रम सीमा के अन्दर खत्म हो जाते हैं,इस सबंध में जिले के कांग्रेस अध्यक्ष के समक्ष इस प्रश्न को रखा गया उनके द्वारा जवाब दिया गया हम अपनी परिवार में मृत आत्मा को जब भी चाहें ,और किसी भी रूप चाहे तो लोगो के द्वारा मृत आत्मा के उपर प्रश्न चिन्ह उठाना एक गलत बात हैं।हम अपने बुजुर्ग व सम्मानीय कोरिया रियासत से संबंध आम जनता का जुड़ा हुआ हैं,आम जनता को उनकी याद के लिये कोई प्रोग्राम रखा जाये तो उसको राजनीतिक से जोड़कर नहीं रखना चाहिएं जब कि कुमार सहाब ने अपने जीवित में कहा था कि मेरे दुनिया से जाने के बाद कोई भी आडंबर कोई प्रोग्राम नहीं करना ,पर उनकी बात को उनकी भतिजी श्रीमति अम्बिका सिंहदेव ने स्वीकार किया कुछ समाज के लोगो ने जो किसी पार्टी से सबंध नही रखते उनके द्वारा कहा गया। श्रीमती सिंहदेव को इस बात का अपने चाचा का कोरिया जिले के कुमार सहाब का प्रेम को स्मरण करते हुए यह कार्यक्रम रखा गया हैं। इसको राजनीति से न जोड़ा जाएं, किन्तु आज अटल जी के स्वर्गवास होने बाद कुछ राजनीति पार्टीयां उनका नाम लेकर इस्तेमाल कर रहें हैं किंतु जब अटल जी 10 वर्ष से बीमार की हालत में थे तो किसी ने उनका नाम नहीं लिया किंतु आज अटल जी के मृतु के बाद लोग उनका नाम का लेकर अपनी राजनीति कर रहे हैं जब कि लाल केशर अंडवानी को चुनाव में पहले प्रधान मंत्री पद के लिए चर्चित थे,माननीय प्रधान मंत्री नरेन्द्र मोदी जी के द्वारा अपनी मंत्रीमंडल में राष्ट्रति के पद पर चर्चा होती रही ,उसके उपरांत पद दर किनार कर दिया गया । स्व.अटल जी की भतीजि करूणा शुक्ला का स्टेटमेंट हैं जो कि पूर्व में भाजपा में राष्ट्रीय स्तर की पदाधिकरी थीं,उन्होेंने पार्टी की विचार धारा को अपने चाचा से समक्ष रखा उन्होंने कहा कि जनसन का जन्मदाता स्व.अटल जी थे,उनके विचार धारा से न चलने के कारण उन्होंने पार्टी से त्यागपत्र देकर कांग्रेस में सम्मिलित हो गयी। इंसान की विचार धारा का सोच देखे एक बार नदिया ंके उपर शंकर और पार्वती जी दोनो बैठकर भ्रमण में निकले थे,तो समाज के लोग शंकर और पार्वती जी को देखे तो दो व्यक्ति ने आपसी चर्चा किया की देखो ये महिला पुरूष कितना बेवकुफ हैं,नादिया जीभ निकाल रहा हैं ।और संकर जी और पार्वती जी उसके उपर बैठे थे,तो कुछ लोगो ने चर्चा किया कि बताये?दो दो लोग बैठे हुए हैं तो संकर जी ने सुना तो शंकर जी ने नादिया के उपर से पैदल चलना चालू किया जब आगे चलने लगे,तो आगे कुछ और व्यक्ति देखने लगे तो बोलने लगे कि देखिये पुरूष पैदल चल रहा है और स्त्री नादिया पर बैठी हुई हैं,पार्वती जी ने सुना तो उनको संकोच आया तो वह भी नादिया से उतर कर पैदल चलने लगी तब कुछ आगे चलने पर कुछ समाज के कुछ लोगो ने इस बात की चर्चा किया कि सवारी साथ में हैं और शंकर पार्वती पैदल चल रहें हैं तो समाज के लोगो ने शंकर और पार्वती जी को व्यांग कसा तो शंकर और पार्वती जी ने इस समाज को कंलकित किया अच्छा करो तो बुराई,और बुराई करो तो बुरा ही। इस समाचार को राजनीति से न जोडा जाएं।
नोटः- समाज के हर व्यक्ति से संपादक का नम्रनिवदेन हैं कि इस प्रकार की प्रश्न न उठाएं।