लोकसभा चुनाव में खलेगी इन 10 दिग्गज नेताओं की कमी
लोकसभा चुनाव के लिए सभी राजनीतिक दल पूरी तरह तैयार हैं। सभी दल अपने उम्मीदवारों की सूची जारी कर रहे हैं। हालांकि अब तक जारी सूची से यह साफ हो गया है कि इन चुनावों में सत्ता पक्ष और विपक्ष के कई दिग्गज नेता चुनाव नहीं लड़ेंगे। आइए डालते हैं इन नेताओं पर एक नजर…
लालकृष्ण आडवाणी : भाजपा के कद्दावर नेता लालकृष्ण आडवाणी गुजरात की गांधीनगर सीट से चुनाव लड़ते रहे हैं। इस सीट पर पार्टी ने आडवाणी की जगह भाजपा अध्यक्ष अमित शाह को चुनाव मैदान में उतारा है। आडवाणी अटलजी की सरकार में उपप्रधानमंत्री थे।
मुरली मनोहर जोशी : आडवाणी के साथ ही वरिष्ठ भाजपा नेता मुरली मनोहर जोशी भी इस बार चुनाव मैदान में दिखाई नहीं देंगे। उन्होंने पिछला लोकसभा चुनाव कानपुर सीट से जीता था। अटलजी की सरकार में वह मानव संसाधन मंत्री थे। साथ ही वह पार्टी के अध्यक्ष भी रहे हैं।
शरद पवार : राकांपा प्रमुख शरद पवार ने भी इस बार लोकसभा चुनाव नहीं लड़ने का फैसला किया है। वह चार बार महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री भी रहे हैं। नरसिंहराव
सरकार में रक्षामंत्री थे।
मायावती : बसपा सुप्रीमो
ने भी 2019 में लोकसभा चुनाव नहीं लड़ने का फैसला किया है। उन्होंने कहा कि वहयूपी में सपा-बसपा गठबंधन को जिताने के लिए प्रचार की कमान संभालेंगी और चुनाव नहीं लड़ेंगी।
अरुण जेटली : वरिष्ठ भाजपा नेता और वित्तमंत्री अरुण जेटली भी इस बार लोकसभा चुनाव नहीं लड़ेंगे। 2014 में उन्हें अमृतसर में हार का सामना करना पड़ा था।
सुषमा स्वराज : वरिष्ठ भाजपा नेता और विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने भी इस बार चुनाव मैदान में नहीं उतरने का फैसला किया है। उन्होंने पिछला चुनाव मध्यप्रदेश के विदिशा से जीता था।
उमा भारती : केंद्रीय मंत्री और मध्यप्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती भी इस बात चुनाव मैदान में नहीं उतरेंगी। उन्हें पार्टी उपाध्यक्ष बनाया गया है। 2014 में उन्होंने झांसी से लोकसभा चुनाव जीता था।
अरविंद केजरीवाल
: दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने 2014 में नरेंद्र मोदी के खिलाफ वाराणसी से लोकसभा चुनाव जीता था। इस बार वह चुनाव मैदान से दूर ही रहेंगे।
शांता कुमार : बीजेपी के वरिष्ठ नेता शांता कुमार ने भी इस बार लोकसभा चुनाव नहीं लड़ने का ऐलान किया है। वह इस समय कांगड़ा से सांसद हैं।
शाहनवाज हुसैन : बीजेपी के नेता शाहनवाज हुसैन ने पिछला लोकसभा चुनाव भागलपुर सीट से लड़ा था, हालांकि इस बार यह सीट जदयू के खाते में चली गई है।