Home राजनिति नरसिंहपुर जिले में विधानसभा चुनाव के समय से राजनैतिक ऊथल-पुथल……….

नरसिंहपुर जिले में विधानसभा चुनाव के समय से राजनैतिक ऊथल-पुथल……….

152
0

अनदेखी हमारी आदत में है? (दिनांक 25 फरवरी 2019)

नरसिंहपुर

✍✍नरसिंहपुर। नरसिंहपुर जिले का अपना मिजाज ओर अंदाज है जब तक चिंगारी,शोला ना बन जाये तब तक हम लोग चैतते नहीं हैं। बीते समय में नरसिंहपुर नगर में कुछ विशेष घटनायें हो गयी है जिनको प्रशासन ओर आम लोगों ने गंभीरता से नहीं लिया है मामले जॉच में चले जाने से आये-गये से हो गयें हैं। नगर में पंचमुखी हनुमान मंदिर जी में पाकिस्तान का झंडा फहराये जाने,सिविल कोर्ट पर पत्थर बाजी ओर नाबालिग बच्चों द्वारा देशद्रोही नारे लगाये जाने के मामलों ने लोगों को सोचने मजबूर कर दिया है इस प्रकार की घटनाओं के दोषी लोगों पर कार्यवाहियां कब होगी। हाल ही में बच्चों द्वारा देशद्रोही नारे लगाने के प्रकरण में मामला पूर्व की भांति जॉच के दायरे में लिया गया है आखिर कब तक हम लोग ऐसे प्रकरणों ओर अप्रिय घटनाओं को नजरअंदाज करते रहेंगें। ऐसी घटनायें में लिप्त पाये जाने वाले लोग बेनकाब नहीं होगें तो वो दूर नहीं है कि जब जिला व नगर इन अनदेखियों का दुष्परिणाम ऐसा होगा कि जिसकी कल्पना भर मात्र से हम सिहर उठेंगें। जरूरत इस बात कि देशद्रोही ओर घोर अपराधिक प्रकरणों में प्रशासन सजगता,तत्परता ओर प्राथमिकता के साथ आरोपियों को सजा दिलाने में अपनी महती भूमिका का निर्वाह करें। इस प्रकार की घटनाओं पर कार्यवाही में देरी होने से जन आक्रोश बढ़ता ही जा रहा है यह आक्रोश किसी दिन भी आने वाले समय में ज्वालामुखी का रूप धारण कर सकता है। जिले के लोग राजनैतिक रूप से काफी जाग्रत ओर समृद्ध माने जाते हैं पर इस प्रकार घटनाओं में वे सिर्फ मूक दर्शक बने रहते हैं ओर कुछ भरतिया भरने तक ही सीमित रहते हैं। इस प्रकार के मामलों में संरक्षण ओर प्रश्रय मिलने के संदेश से समाज में बुरा असर देखने मिल रहा है यह स्थापित तथ्य है कि जो लोग मातृभूमि के नहीं हुये वे किसी के नहीं होते हैं। चुनाव परिणाम के विशेषण से कुछ की लोगों की आंखे खुल जाना चाहिए। पता नहीं यथार्थ को लोग क्यूूॅं नजर अंदाज करते हैं। अराजकता,हिंसा ओर न्यूसेंस से कुछ लोग अपना हथियार ओर सुरक्षा का कवच बनाये हुए हैं पर यह जान लेना जरूरी है कि आग का स्वभाव सभी को अपने दायरे में लेता है इससे कोई नहीं बच सकता है अभी भी समय है कुछ लोग अपनी सोच-समझ में सकारात्मकता, रचनाधर्मिता ओर राष्ट्रीयता की भावनाओं को गहरे तक ले जायें। इतिहास गवाह है कि कई बुलंद इमारतों ओर व्यक्तित्वों को बिखरता ओर खत्म होते देखा गया है।

आने का सिलसिला कहां तक जायेगा

नरसिंहपुर जिले में विधानसभा चुनाव के समय से राजनैतिक ऊथल-पुथल चुनाव परिणाम के बाद ओर तेज हो गयी है हाल ही में जिला पंचायत के अध्यक्ष ने कांग्रेस का दामन थाम कर राजनैतिक रूप से जिले में कांग्रेस के ग्राफ को ओर बढ़ा दिया। विधानसभा चुनाव में भाजपा को जिले से करारी हार का सामना करना पडऩा। लोकसभा चुनाव के मान से देखे तो कांग्रेस का जिले में पिछले लोकसभा चुनाव में मिले मतों से विधानसभा चुनाव में सौ प्रतिशत का इजाफा हुआ है इस लिहाज से कांग्रेस आगामी लोकसभा चुनाव को लेकर उत्साहित है पर इस संसदीय क्षेत्र की आठ में से पांच भाजपा ओर तीन कांग्रेस के हिस्से में आयी है वर्तमान सांसद नरसिंहपुर जिले की तेंदूखेड़ा विधानसभा क्षेत्र से आते है जिले में भाजपा को मिली घोर पराजय के कारण इस बार उनकी उम्मीदवार पर संदेह जताया जा रहा है भाजपा का एक वर्ग होशंगाबाद जिले से लोकसभा प्रत्याशी बनाये जाने पर जोर लगाये हुए है उनका कहना है कि वर्तमान सांसद अपने गृह जिले व गृह क्षेत्र से विधानसभा चुनाव में काफी पिछड गयें है जबकि होशांगाबाद जिले की चारो विधान सभा सीटो पर भाजपा को विजयी प्राप्त हुयी है इस पर उनकी क्षेत्र में कोई उल्लेखनीय उपलब्धि पांच वर्ष में नहीं रही है जबकि जिले में भाजपा दो फांक हो गयी। इसके तेंदूखेडा विधायक कांग्रेस में शामिल होकर कांग्रेस का परचम प्रचंड मतों से विधानसभा चुनाव में फहराया दिया। इसी क्रम में जिला पंचायत अध्यक्ष व अन्य भी भाजपा छोड़ कांग्रेस में शामिल हो गयें हैं। जिस तरह से जिले में भाजपा को छोड़कर कांग्रेस में लोग जा रहे हैं। इससे भाजपा के जिला संगठन पर भी सवालिया निशान लग गयें हैं। जब से नये जिला भाजपा अध्यक्ष बने हैं भाजपा को चुनावों में पराजय का मुंह देखना पड़ा। इस पर भाजपा से जाने वाले का लगातार सिलसिला जारी है लोकसुभा चुनाव आते-आते कितने ओर भाजपा के नेता ओर कार्यकत्र्ता कांगे्रस में जायेगें यह समय के गर्त में है तेंदूखेडा भाजपा विधायक के कांग्रेस में जाने को राजनैतिक विश्लेषक भाजपा के लिए आत्मघाती कदम के रूप में देख रहा है। विधानसभा चुनाव की राजनैतिक महत्वाकांक्षा ने भाजपा को जिले में करारा झटका दिया है इसमें कोई दो ओर चार राय हो सकती हैं।

स्थानंातरण के द्वार खुले

नरसिंहपुर जिले में प्रदेश की सरकार द्वारा स्थानांतरण किये जाने की छूट दिये जाने से वर्षो से जमे जमाये अधिकारियों ओर कर्मचारियों पर स्थानांतरणों की तलवार लटक रही है ऐसा माना जा रहा है कि लोकसभा चुनाव की अधिसूचना के पूर्व थोक में स्थानांतरण के आदेश की संभावना है इसमें कुछ लोग ऐसे हैं जो बहती गंगा में हाथ धोने के लिेय बेताब है ओर गाहे-बगाहे कह रहे हैं कि स्थानांतरण की सुनामी से किसी को बचना हो तो वह हमारे पास आये। पर इनको कौन समझाये कि अधिकारी ओर कर्मचारी इतने सयाने होते हैं कि इन्हें मालूम रहता है कि किसकी शरण में जाना है।

चलते————- फिर मिलते———

नरसिंहपुर जिले में लोकसभा चुनाव की तैयारी में जुटे राजनैतिक दल ओर भावी उम्मीदवार इन दिनों कार्यकत्र्ताओं की काफी पूछ-परख कर रहे हैं। चुनाव के समय ही कार्यकत्र्र्ता की ऐसी पूंछ परख होती है चुनाव निकलने के बाद कार्यकत्र्ता यूज एंड थ्रो हो जाता। सुबह हुयी कि नहीं कार्यकत्र्ता को नेताओं के मोबाईल आ जाते हैं। इतनी तवज्जों अगर नेता हमेशा कार्यकत्र्ताओं को दे, तो फिर क्या बात है पर चुनाव जीतने के बाद अपने चमचों पर ज्यादा विश्वास जनप्रतिनिधी करते हैं ऐसा व्यवहार में देखा जाता है।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here