नरसिंहपुर : कलेक्टर श्रीमती शीतला पटले ने जिले की ग्राम पंचायत बोहानी में महिला स्वसहायता समूह की सदस्यों से चर्चा की। यहाँ संचालित स्वसहायता समूह एवं संगठन में 433 लक्षित परिवार, कुल समूह संगठन एक, 45 कुल समूहों की संख्या और 478 समूह से जुड़े परिवारों की संख्या है। यहाँ की महिलायें उद्यम सखी, कृषि सखी, बैंक सखी के रूप में कार्य कर रही हैं, तो कुछ महिलायें बकरी पालन, अचार, पापड़ बनाने के काम से स्वयं को जोड़कर आर्थिक रूप से सशक्त हो रही हैं और ख़ुशहाल रूप से जीवन यापन कर रही हैं। महिला सदस्य ने अपने जीवन में आए बदलाव से ख़ुश हैं। महिला सदस्यों ने कलेक्टर श्रीमती पटले से बड़ी ही बेबाकी से बातचीत की और स्वसहायता समूह से जुड़कर उनके जीवन में आए बदलाव की कहानी सुनाई।
पिछले चार साल से बैंक सखी बनकर महिला सशक्तिकरण और सेवा का अनूठा उदाहरण पेश करती श्रीमती सुनीता जाटव ने बताया कि वे कक्षा बारहवीं तक पढ़ी हैं। अपने गांव में लोगों को बैंकिंग सुविधा उपलब्ध करा रही हैं, ताकि लोगों को बैंक संबंधी कार्यों के लिए कहीं ओर ना जाना पड़े। इनके द्वारा गांव में वृद्धा पेंशन, दिव्यांग पेंशन, नरेगा मजदूरी भुगतान, स्वसहायता समूह की राशि का लेनदेन एवं अन्य बैंकिंग कार्य किए जाते हैं। इसके साथ ही वे बैंक खाते खोलने का भी कार्य करती है।
श्रीमती जाटव बताती है कि बैंक सखी के रूप में काम करते- करते उन्हें बैंकिंग प्रणाली की समझ होने लगी। स्वसहायता समूह से जुड़कर उन्होंने अपनी आमदनी बढ़ाने की सोची। बैंक के माध्यम से उन्होंने छह लाख रुपये का लोन लिया और ट्रैक्टर ख़रीदा। वे बताती है कि कृषि कार्य और अन्य कार्यों से प्रति माह बीस से पच्चीस हज़ार रुपए मिल रहे हैं। इससे वे हर माह किश्त समय पर चुका देती है। श्रीमती जाटव ने कलेक्टर श्रीमती पटले को बताया कि इस साल उनके द्वारा करीब 43 लाख रुपए का लोन वितरण का कार्य करवाया है।
बोहानी की ही ओम नमः शिवाय स्वसहायता समूह की अध्यक्ष श्रीमती कीर्ति कुर्मी ने भावुक होते हुए बताया की उनके पति की मृत्यु हो चुकी है। ऐसे में उन्हें अपने परिवार की देखभाल और बच्चों की पढ़ाई- लिखाई की चिंता सताने लगी थी। समूह गठन की जानकारी मिली और समूह से जुड़कर अपनी आय बढ़ाने का सोचा।समूह के सदस्यों के लिए क्रेडिट योजना तैयार कर उचित ब्याज़ दर पर ऋण प्रदान किया गया। समूह के सदस्यों ने नियमित बचत कर लोन चुकाना प्रारंभ किया। पहले उन्होंने सुपारी काटने का काम शुरू किया। कई समय तक उन्होंने यह कार्य किया। इसके बाद उन्होंने स्कूल में मध्यान्ह भोजन का काम मिला और वे बच्चों के लिए भोजन बनाने के काम में जुट गई। बच्चों की पढ़ाई- लिखाई करवाई। बच्चे सरकारी नौकरी में है। बोहानी की महिलायें बताती है कि स्व-सहायता समूह में जुड़ने से पहले उनकी स्थिति बहुत दयनीय थी, वे अपने घर से बाहर नहीं निकलती थी। न ही उन्हें किसी योजना का ज्ञान था। घर की चार दीवार में रहती थी। घर में हर समय पैसे की तंगी रहती थी, इस कारण वे मन का कार्य पैसों के अभाव में नहीं कर पाती थी। लेकिन स्व सहायता समूह से जुड़कर अब वे आत्मनिर्भर बनकर मिसाल पेश कर रही है।
कलेक्टर श्रीमती पटले ने खुश होकर कहा कि समूह की उन्नति से सदस्यों की उन्नति होती है। आप यह कार्य और अच्छे तरीके से करें। आपके द्वारा निर्मित उत्पाद लोग आपके घरों से खरीदें, इसके लिए ऑनलाइन प्लेटफार्म जैसे यूट्यूब आदि के माध्यम से सीखें।
ग्राम बोहानी में आजीविका मिशन से जुड़ी जानकारी
ग्रामीण आजीविका मिशन के तहत ग्राम बोहानी में 8 महिला सदस्यों को मुख्यमंत्री आर्थिक कल्याण योजना के तहत 4 लाख रुपये, 8 महिला सदस्यों को मुख्यमंत्री युवा स्वरोजगार योजना के अंतर्गत 8 लाख रुपये और कामगार सेतु से 15 महिलाओं को हितलाभ प्रदान किये जा चुके हैं। इसी तरह 15 सदस्यीय उत्पादन समूह द्वारा एक वर्मीकम्पोस्ट, 15 महिला सदस्यों के लिए मनरेगा अभिसरण से वर्मी कम्पोस्ट पिट और 200 सदस्यों के साथ पापड़ उद्योग सीएलएफ के माध्यम से क्लस्टर गतिविधि प्रस्तावित है।
आजीविका मिशन से जुड़े समूह सदस्यों द्वारा की महिलाओं द्वारा कृषि कार्य, वर्मी कम्पोस्ट निर्माण कार्य में 15 महिला सदस्य, 15 सदस्यों द्वारा बकरी पालन, 25 सदस्यों द्वारा गाय- भैंस पालन का कार्य कर रही हैं। उद्यानिकी विभाग के माध्यम से संजय निकुंज बोहानी में प्राप्त भूमि पर फसल एवं सब्जी उत्पादन में 6 समूह की 64 सदस्य, एक समूह के 10 सदस्यों द्वारा सीएनजी कार्य कर रही हैं।आजीविका मिशन से जुड़े समूह सदस्यों द्वारा की जा रही गैर कृषि गतिविधि में 5 सदस्यों द्वारा किराना दुकान, 15 सदस्यों द्वारा मनिहारी की दुकान, 2 सदस्यों द्वारा चाय- नाश्ता की दुकान, एक सदस्य द्वारा चाट- फुल्की की दुकान और 12 सदस्य द्वारा राजमिस्त्री का काम कर रही हैं। इसके अलावा 25 सदस्य द्वारा गणवेश सिलाई के माध्यम से 5164 ड्रेस तैयार कर लाभांवित हुई हैं। गणवेश सिलाई के माध्यम से सदस्यों को 15 लाख 49 हजार 200 रुपये को राशि प्राप्त हुई है।