*सोमवती अमावस्या कल*
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पितृदेवो की शांति व मुक्ति के लिए उत्तम दिन
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कल सोमवार 4 फरवरी 2019 को सोमवती अमावस्या का पावन पर्व है । शास्त्रों में इस दिन का बहुत धार्मिक महत्व बताया गया है ।
चौदस व अमावस्या तिथियां अपने कुलदेवताओं पितरदेवों की शांति व मुक्ति हेतु सबसे महत्वपूर्ण मानी जाती हैं । ऐसे पूर्वज पितृदेव जो असामयिक या असामान्य तरीके से इस संसार को छोडकर चले गए , वे अतृप्त होकर मुक्ति की चाह में पीढियों से भटक रहे होते हैं । ऐसे में वे अपने परिजनों से अपनी आत्मा की शांति व मुक्ति हेतु आशा रखते हैं , इसलिए किसी सुयोग्य जानकार या संत के उचित मार्गदर्शन में पितरों की शांति व मुक्ति कराना चाहिए । चौदस व अमावस्या तिथियों को स्नान उपरांत श्री सूर्यदेव को अर्ध्य देते समय ऊं श्री पितृदेव नम: का उच्चारण करना चाहिए तथा पितरों के निमित्त होम करके घी , खीर ,पूडी , पुआ , सफेद मीठी वस्तुओं व दूध को अर्पित करना चाहिए ।
हरिद्वार , प्रयागराज , गया जी तीर्थ में पितरदेवों की मुक्ति व शांति हेतु तर्पण व श्राद्ध करना चाहिए । तीर्थ में गंगाजल के स्पर्श से पितृदेवो को कष्टों व पितृ योनि से मुक्ति प्राप्त होती है तथा परिवार को पितरदेवों का आशीर्वाद मिलता है जिससे परिवार में सुख , शांति व समृद्धि आती है ।
सोमवती अमावस्या पर भगवान जी व देवी मां गंगा जी से प्रार्थना है कि संसार में सभी लोगों के पितरदेवों को शांति व मुक्ति मिले तथा सभी के परिवार खुशहाल व समृद्ध बनें । हर हर महादेव जी । जय मां गंगा जी ।