छत्तीसगढ़ राज्य में जगह-जगह किसानों से धान खरीदा जा रहा है। जो कि पूर्व की भांति इस वर्ष भी किसनों के साथ एवं धान खरीदी में हेरा-फेरी करने का चर्चा आये-दिन सुनने एवं देखने को मिल रहा है। प्राप्त जानकारी के अनुसार, कई धान खरीदी केन्द्रों में शासन के खरीदी वजन से लगभग दो किलो वजन से ज्यादा तौल कर ले रहे है और जहां 21 क्वंटल खान खरीदने के स्थान पर लगभग 12-14 क्वंटल लिया जा रहा है। यहां तक कि, किसानों से धान पटली कराने एवं अन्य खर्चे भी किसानों से लिए जा रहे है। जबकि इन सब का पैसा छत्तीसगढ़ शासन देता है।
वही कुछ लोगों का कहना है कि, इस मौके का तालाश कैमरा चमकाने वाले लोग भी ढुंढते रहते है कि, कब धान खरीदी केन्द्रों में घोटाला हो और हम उनसे लम्बी रकम की डिमान्ड करें।
मिली जानकारी के अनुसार, एक धान खरीदी केन्द्र जामपारा में एक ऐसा कम्प्यूटर आॅपरेटर है जो कि शुरू से अपवाद रहा है। वह व्यक्ति जहां-जहां के धान खरीदी केन्द्रों में रहा वहां-वहां घोटाला जरूर किया है एवं आज भी कर रहा है। बताया जा रहा है कि, यह व्यक्ति नेतागिरी का धौस दिखाकर धान खरीदी केन्द्रों में हेरा-फेरी कर रहा है सोचने वाली बात है कि, ऐसे विवादित आदमी से सोसायटी प्रबंधक का क्या संबंध ? चाहे कोई भी पार्टी आये उसका कोई भी कुछ नहीं बिगाड़ सकता, क्योंकि राजनितिक पार्टी ‘‘एक छोटा भाई एवं जेठा भाई’’ के नाम से लोगबाग संबोधित करते है। जो कि दोनों एक ही सिक्के के दो पहलू है।