जिला मुख्यालय बैकुण्ठपुर में बाईसागर तालाब व निस्तार की भूमि में कोरिया प्रशासन पक्षपात कर रहा है। जिसमें जानवरों के पानी पीने, नहाने एवं आने जाने हेतु पूर्व के सभी दस्तावेजों में लिखा हुआ है, फिर भी जानकारी के अनुसार राज्य शासन भू-माफियों को समर्थन दे रहा है। जानकार सूत्र बताते है कि, अनावेदक का विचारधारा से प्रशासन का तालमेन है, जो कि संदेह के दायरे में आ रहा है कि, प्रशासन का कुछ अंधरूनी कोई तालमेल चल रहा है क्योंकि जब कमीशनर महोदय जी द्वारा निस्तार व तालाब की भूमि के लिए कार्यवाही करने के लिए लिखा है उसके बावजूद अनावेदक द्वारा निस्तार व तालाब की भूमि को लेकर संपादक एवं उनके परिवार को जान से मारने की धमकी बार-बार दे रहा है। इस संबंध में पुलिस अधीक्षक महोदय जी को भी लिखित में शिकायत किया जा चुका है पर इस संबंध में पुलिस प्रशासन कोई भी मुंह खोलने को तैयार नहीं। क्योंकि अनावेदक से लोगबाग भयभीत है।
प्राप्त जानकारी के अनुसार, अनावेदक कुछ लोगों से काम करा लेता है एवं पैसा का भी लेन-देन कर लेता है परंतु वापस मांगने का किसी की भी ताकत नहीं है क्योंकि इनका परिवार लम्बा है इसलिए लोग भय मानते है। सोचने वाली बात है कि, जब सभी दस्तावेज मिशल में लिखा हुआ है उसको देखने के पश्चात भी कोरिया प्रशासन इन दस्तावेजों को क्यों मानने को तैयार नहीं ? जब कोरिया प्रशासन ही तालाब में हेरा-फेरी किया है तो कोरिया प्रशासन ही सुधार सकता है। सबसे बड़ा पू्रफ कागजात होता है। लेकिन उसको साफ तौर से नजर-अंदाज किया जा रहा है।
इसी प्रकार बैकुण्ठपुर में बहुत से मामले है जो कि राजस्व विभाग के द्वारा हेरा-फेरी कर दिया गया है। जो कि राजस्व विभाग में कई आर.आई, पटवारी, बाबू और तहसीलदार अधिकारी आते है एवं कागजों में हेरा-फेरी करके चले जाते है परंतु इन सब में आम जनता को भुगतना पड़ता है। देखा जाये तो बाईसागर तालाब एक बहुत बड़ी भूल व कुटनिति कहा जा सकता है जिसमें बताया जा रहा है कि, कोरिया प्रशासन अनावेदक का पूरा साथ दे रहा है।