एमसीबी : कलेक्टर सभागार में कलेक्टर एवं जिले के सभी विभागों के जिला अधिकारियों की उपस्थिति में एक्सेस टू जस्टिस प्रोजेक्ट फॉर चिल्ड्रेन प्रोजेक्ट के अंतर्गत प्रोजेक्ट के डायरेक्टर सुशील शर्मा हार्ड ( समग्र कार्रवाई अनुसंधान और विकास) संस्था छत्तीसगढ़ के द्वारा प्रोजेक्ट के उद्देश्य एवं कार्य विधि का प्रस्तुतीकरण करते हुए कहा गया कि यह बच्चों के न्याय तक पहुंच का सबसे बड़ा कार्यक्रम है। जिसमें यह प्रयास किया जा रहा है कि बच्चों के विरुद्ध अपराध करने वाले सजा से न बच सके। बाल विवाह एवं चाईल्ड ट्रैफिकिंग़ बाल श्रम को रोकना तथा इस कार्य में समुदाय की भागीदारी बढ़ाना तथा बच्चों के अधिकार संरक्षण में लगे सरकारी विभागों का प्रशिक्षण एवं क्षमता वर्धन करना। प्रस्तुतीकरण में इससे जुड़े कानूनों के बारे में बताते हुए जिले में जमीनी स्तर के अनुभव का कार्यकर्ताओं के परिचय कराते हुए कहा कि बौरीडांड एवं चरवाही में कम उम्र की लड़कियों का विवाह कर देते हैं तथा गांव में बच्चों के पिताजी बड़े किसान से पैसे ले कर बच्चे को गहना गिरवी तक रख देते हैं।
कलेक्टर के द्वारा सभी विभागीय अधिकारीयो को बाल श्रम एवं बाल विवाह पर जगरूक हो कर कार्य करने का निर्देश दिया गया। परियोजना कार्यकर्ताओं को सहयोग करने के लिए कहा गया। हार्ड संस्था द्वारा कहा गया कि ऐसा ढांचा बने कि यदि कोई बच्चा लगातार स्कूल नहीं जाता है तो शिक्षक को जिला शिक्षा अधिकारी को रिपोर्ट करना चाहिए तथा फॉलोअप करना चाहिए। जिला महिला बाल विकास अधिकारी द्वारा शीघ्र चाइल्ड लाइन एवं आईसीपीएस की शीघ्र भरे जाने की जानकारी प्रदान की। इस पूरे कार्यक्रम में जिला श्रम विभाग के विनय सिंह तथा महिला एवं बाल विकास विभाग के अधिकारी शुभम बंसल का सहयोग रहा तथा इसे जिले में लगातार सक्रिय रूप से कार्य करने के लिए कहा गया।