जशपुरनगर : मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के घोषणा के अनुरूप स्वास्थ्य सेवा के क्षेत्र में जिले को दो बड़ी सुविधा मिली है। मुख्यमंत्री की धर्मपत्नी कौशल्या साय ने सोमवार को सीएम कैंप बगिया में दो एंबुलेंस और एक शव वाहन को हरी झंडी दिखा कर जरूरतमंद मरीजों की सेवा के लिए रवाना किया। एंबुलेंस दुलदुला ब्लॉक के करडेगा और फरसाबहार ब्लाक के कोल्हेनझरिया में सेवा देगी। वहीं मुक्तांजली वाहन दुलदुला में सेवा प्रदान करने के लिए तैनात रहेगी।
उल्लेखनीय है कि एक दिन पहले ही रविवार को दुलदुला में आयोजित मतदाता अभिनंदन समारोह में मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय ने इसकी घोषणा की थी। घोषणा के 24 घंटे से भी कम समय में उनकी घोषणा का सरकार ने पूरा करते हुए जिलेवासियों को सौगात दिया है। इस अवसर पर श्री सुनिल गुप्ता, दुलदुला क्षेत्र की डीडीसी ममता कश्यप, उमा देवी, फरसाबहार के पूर्व जनपद अध्यक्ष वेद प्रकाश भगत, सीएमएचओ डॉ. व्हीके इंदवार भी उपस्थित थे।
छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री का पदभार सम्हालने के बाद मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय की नेतृत्व वाली प्रदेश सरकार ने जशपुर सहित पूरे प्रदेश की स्वास्थ्य सेवा को सुधारने की दिशा में तेजी से काम कर रही है। सीएम के रूप में शपथ ग्रहण करने के तत्काल बाद मुख्यमंत्री साय ने स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों को एंबुलेंस सेवा में गुणात्मक सुधार लाने का सख्त निर्देश दिया था। उन्होनें कॉल के आधा घंटा के अंदर मरीज को एंबुलेंस उपलब्ध कराने की व्यवस्था करने का निर्देश दिया था। इसके साथ ही प्रदेश के सभी चिकित्सालयों में सस्ती जेनेरिक दवा की उपलब्धता सुनिश्चित करने का निर्देश जारी किया था। ताकि मरीजों को महंगी दवाओं से मुक्ति मिल सके। वही गृह जिले जशपुर में स्वास्थ्य सेवा में सुधार लाने के लिए सीएम साय की पहल से दिसंबर 2023 से अब तक जिले को 7 एंबुलेंस और 1 शव वाहन मिल चुके हैं। इससे मरीजों की सेवा में लगे एंबुलेंस की संख्या जिले में बढ़ कर 21 हो चुकी है। इसके साथ ही कुनकुरी में 220 बिस्तर की क्षमता वाली सर्वसुविधा युक्त अस्पताल निर्माण की घोषणा पहले ही हो चुकी है। जिले के 7 उप स्वास्थ्य केन्द्र को प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र का दर्जा देते हुए आवश्यक मानव संसाधन जुटाने के लिए स्वीकृति दिया जा चुका है। जिला चिकित्सालय को आदर्श चिकित्सालय के रूप में विकसित करने की घोषणा भी हो चुकी है। मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय का लक्ष्य जिलेवासियों को जिले में ही उच्च स्तरीय चिकित्सा की सुविधा उपलब्ध कराना है ताकि लोगों को उपचार के लिए बड़़े शहरों की ओर दौड़ लगाने से मुक्ति मिल सके।