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नरसिंहपुर जिले के कांग्रेस कार्यकत्र्ताओं में प्रदेश में सरकार बनने की………

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पूरा काम,धाम ओर एहसान कार्यकत्र्ताओं पर,उनके लिये?
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नरसिंहपुर। नरसिंहपुर जिले में विधानसभा चुनाव के परिणाम आने के बाद हार-जीत की समीक्षाओं के साथ कार्यकत्र्ताओं के पूरे काम,धाम ओर एहसान भी जद के घेरे में है। हार जीत भले ही हो गई पर कार्यकत्र्ताओं को अभी भी अग्रि परीक्षा के दौर से गुजरना पड़ रहा है उनके काम ओर निष्ठाओं की लेखाबंदी चल रही है यह विबम्डना ही कही जायेगी कि जिन कार्यकत्र्ताओं के कारण कुछ लोगों ने पद ओर पोजीशन पायी है वे कार्यकत्र्ताओं के संघर्षो के बारे में अपने ढंग से जॅज कर रहे हैं कि ओर कह रहे हैं क्या नहीं किया, लोगों ओर कार्यकत्र्ताओं के लिये,पर उस हिसाब से परिणाम नहीं आया है। हजारों हजार कार्यकत्र्ता ओर लोग जीवन भर राजनैतिक रूप से कार्य करते हैं पर कुछ लोग ही रसूख पाते हैं कार्यकत्र्ताओं के त्याग ओर बलिदान को धता बताकर व्यक्तिगत निष्ठा पर सवालिया निशान वे लोग उठा रहे है जो कार्यकत्र्ताओं के बलबूते इस मुकाम पर पहुंचे हैं। लच्छू ने पूंछा कि जो करे वह परीक्षा दे,जो पास हो जाये वह सवाल उठाये यह कहा का न्याय है मैंने उसे बताया कि आभार/एहसान मानने की जगह ज्यादातर लोग पास होने के बाद कन्नी काटने लगते हैं इतना ही नहीं कुछ किया है तो उसका हिसाब ऐसा बताते हैं कि वे ना करते तो कार्यकत्र्ता रसातल में ही चला जाता। उन कार्यकत्र्ताओं के कारण उनके जो जलवे है वे इस बात को हमेशा ही हवा में उड़ाये रखते हैं भले ही वे कई दल बदल ले पर कार्यकत्र्ता ने बदला तो कहने लगते है जो अपनी पार्टी का नहीं वो किसी का क्या होगा। जितने सवाल कार्यकत्र्ताओं पर रसूख वाले खड़े करते हैं उनसे ज्यादा रसूखों पर सवाल आज भी खड़े है कोई उनसे पूंछ ले कि कार्यकत्र्ता जहां था आज भी वहीं खड़ा है तो बगले झांकने लगते है ओर कहते हैं कि सबका ठेका थोड़ी ही ना ले रखा है। मेरे एक परिचित रसूख है जो हमेशा ही लोगों के लिये क्या किया हमेशा बताते रहते हैं मैंने उनसे कहा कि आपने उन लोगों के लिये जो किया उनसे जो आपने पाया है उसके मुकाबले कुछ भी नहीं है एकाध बार किया है पर उसका हिसाब ओर प्रचार जीवन भर करोगे क्या? कार्यकत्र्ताओं से जो पाया उसका तो बताओ। इस पर वे मौन हैं

प्रदेश में कांग्रेस की सरकार बनी पर?

नरसिंहपुर जिले के कांग्रेस कार्यकत्र्ताओं में प्रदेश में सरकार बनने की खुशी है वहीं जिले से मंत्री नहीं बनाये जाने का भी मलाल है। मेरे एक कांग्रेस के जानने वाले कार्यकत्र्ता है उनका दर्द इन सबसे जुदा है वे जब भी मिलते कांग्रेस पार्टी के भवन का जिक्र जरूर करते हैं वे कहते हैं जब भी वे गांधी चौक से निकलते वहां पर भाजपा के जिलाकार्यालय भवन को देख कर टीस सी उठती है काश जिला मुख्यालय में कांग्रेस पार्टी का स्वयं का भवन होता। उन्होंने मुझे बताया कि इस बारे में स्थान को लेकर नजूल में मामला पड़ा है ना जाने वह कब तक सुलझ पाता है अब उन्हें उम्मीद हो गयी है कांग्रेस की सरकार बनने से नरसिंहपुर में कांग्रेस पार्टी का स्वयं का भवन बन जायेगा। उनको कौन समझाये कि सत्तर वर्षो में जो काम नहीं हो पाया है वह आने वाले वर्षो में हो पायेगा कि नहीं पर नेताओं के अपने अहं आपस में टकराने जाने से अब तक कांग्रेस पार्टी का भवन नहीं बन पाया है

गन्ना के दामों ओर भुगतान को लेकर सवाल

नरसिंहपुर जिले में हर वर्ष गन्ने के दामों ओर भुगतान को लेकर किसानों के सामने सवाल खड़ा रहता है किसान इसकी आवाज ऐसे उठाते हैं कहीं शुगर मिलें बंद ना हो जाये। उनकी विवशता ऐसी है कि हर वर्ष की समस्या का आज तक कोई सर्वमान्य हल नहीं निकल सका है वहीं शुगर लॉबी अपनी परेशानियों का रोना रोती है इस पर जिले में गन्ने का रकबा वर्ष दर वर्ष बढ़ता ही जा रहा है गुड़ बनानी वाली भटिटयों की अपनी अलग कहानी है प्रशासन का कहना है कि समर्थन मूल्य पर ही गन्ना खरीदने का आदेश दे सकते हैं वहीं गन्ना अधिनियिम में उल्लिखित प्रावधानों को वह पालन कराने में लाचार नजर आती है सबसे ज्यादा भुगतान कि किल्लत है पिछले वर्षो का भुगतान अभी लंबित है। शुगर लॉबी आपस में गन्ना क्रय करने के मामले में दूसरों के अधिसूचित क्षेत्रों में जाकर गन्ना खरीद ओने पौने दामों पर कर रही है इस पर भी कोई लगाम नहीं है कुछ किसानों का कहना है कि हमारी मजबूरी यह है कि गन्ना को बेचना जरूरी है चाहे जो रेट मिले। जिन किसानों रेट चाहिए वे अपने काम-ध्ंाधे में लगे है कुछ जागरूक लोग ओर किसान जरूर हल्ला मचाये है पर इनके संघर्ष से ज्यादा कुछ भला किसानों हो ऐसा हमें नहीं लगता है

चलते…………चलते…………… चलते………

नरसिंहपुर जिले में सत्ता परिवर्तन के बाद भी कुछ मन से कांग्रेसी ओर तन से भाजपाई अपनी स्थिति को स्पष्ट प्रकट नहीं कर पा रहें हैं। ऐसे दुमुंहा से मैंने पूंछा कि आपकी पार्टी की सत्ता आ गयी है अब तो स्पष्ट नजर आओ,वे बोले लोकसभा चुनाव ओर हो जाने दो,नगर पालिका के चुनाव में हमारी धुंधली ओर तिलस्मी तस्वीर साफ हो जायेगी। मैँने उनसे कहा कि फिर बहुत देर हो चुकी होगी। वे बोले अध्यक्ष का चुनाव लडऩा है हमारे यहां से भाजपा ही सभी वार्डो से जीती है ऐसे में भाजपा की संभावना ज्यादा है इस कारण से भाजपाई चोला नहीं उखाड़ फेेंक पा रहे हैं अब ऐसे लोगों की लाटरी लगेगी की नहीं यह समय के गर्त में है पर जिले का राजनैतिक चलन टिकिटों के मामलों में कुछ ऐसा ही दिखाई देता है।

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