बैकुण्ठपुर में कुछ लोग पत्रकारिता के नाम पर अपने पोर्टल पर व्यापार बना लिए है। ये लोग समाचार लिखना तक नहीं जानते। दूसरे लोगों से बनवाते और लिखवाते है। बताया जाता है कि, जो लोग समाचार बनाकर देते है वे लोग राजनितिक से भी संबंध रखते है। जानकार सूत्र बताते है कि, पूर्व में एक चुनाव भी लड़ा गया था। उसके नाम से भी अवैध वसूली किया गया।
सोचने वाली बात है कि, अपने को बहुत वरिष्ठ पत्रकार बतनाले वाले पत्रकारों का आज ये पोजिशन है कि, एस.ई.सी.एल. क्वार्टरों में निवासरत् है। जिनके पास खाने को दाना नहीं था, रहने को घर नहीं था, आज वे अधिकारियों को चमका-चमकाकर पैसा वसूलते है। पैसा न देने पर अपने पोर्टल पर मोबाईल के जरिये समाचार लगाते है। ये पत्रकारिता के नाम पर घिनौनी हरकते किया जा रहा है। परंतु सोचने वाली बात है कि, कुछ लोग ऐसे भी है जो कि ऐसे पत्रकारों को लाईक करते है। जिसका कोई भी स्तर न हो वो पत्रकार नहीं। जैसे- मनुष्य का तन गोरा, काला और सांवला होता है उसकी प्रकार आदमी का विचार भी होने चाहिए। तन गंदा, मन मैला और संगत किसकी है। ये पत्रकारिता में ध्यान रखना चाहिए।
देखने को मिलता है कि, कुछ समाज के ऐसे गंदे-कुचेले लोग जो कि पत्रकारिता को गंदे किये हुए है। अपने से वरिष्ठ पत्रकारों का सम्मान भी नहीं करना जानते। जबकि इस प्रकार के पोर्टल पर समाचार डालने वालों के लिए पे्रस गाइड लाईन भी दिया गया है तथा जिसके पास आर.एन.आई. है उसी को पोर्टल चलाने का अधिकार है।
वही वेबसाइड किसी को भी बनवाने का अधिकार है, जैसे- जिसका व्यापार है वैसे अपना वेबसाइड बनवा सकते है। कुछ समाज में ऐसे भी लोग है जो कि पत्रकारिता के नाम पर धब्बे है जो जिनका जन्मजात धब्बे बने रहे है वहीं लोग धब्बे का काम करते है। वेबसाइड कोई पत्रकारिता नहीं, इसके संबंध में बार-बार दिल्ली प्रेस परिषद को लिखा गया है कि, इन वेबसाइडों पर कार्यवाही होनी चाहिए। ऐसे गंदे लोगों को पत्रकारिता से निकालना अति आवश्यक है। क्योंकि ऐसे पत्रकारों को समाज तो निकाल ही दिया है परंतु आज ऐसे पत्रकारों को देखा जाये तो जिनके द्वारा निचले स्तर की घिनौनी हरकते करना चालू कर दिये है।
बताया जाता है कि, रायपुर का एक ऐसा भी पत्रकार है जो कि अपने पत्नी को इन्जीनियरिंग में पोस्ट दिलाना चाहता है ऐसे पत्रकार जुगाड़ लगाते है। जानकार सूत्र बताते है कि, जो पत्रकार की पत्नी का इन्जीनियरिंग डिग्री है उसमें भी संदेह है। बताया जाता है कि, एक राज्य ऐसा भी है जहां फर्जी डिग्रियां हर पद की मिल जाती है।
इन लोगों के द्वारा पत्रकारिता का स्तर बिलकुल ही गिर गया है। ऐसे लोगों को संघ द्वारा परित्याग कर देना चाहिए।