बैकुण्ठपुर मुख्यालय में तहसीलदार महोदया जी की जोरो-शोरो से चर्चा चल रही है। चर्चा का विषय है कि, तहसीलदार महोदया जी के लापवाही से कई कार्य रूके हुए है और महोदया जी अपने से उच्च अधिकारियों के आदेशों का पालन भी नहीं करती है। लोगों का कहना है कि, कलेक्टर द्वारा उच्च अधिकारियों के आदेशों का पालन न करने का कारण बताओं का नोटिस जारी होना चाहिए। जिसमें उल्लेखित किया जाये कि, क्यों तहसीलदार महोदया जी कोई कार्य पूरा नहीं करती और आदेशों का पालन भी नहीं करती ?
वही पूर्व में वशिष्ठ टाइम्स समाचार के माध्यम से एक समाचार प्रकाशित किया गया था जिसमें आवेदिका के कार्यपूर्ण करने हेतु श्रीमान् आयुक्त संभाग अम्बिकापुर द्वारा दिनांक 13/06/2024 बैकुण्ठपुर तहसीलदार महोदया जी को निर्देशित किये। परंतु तहसीलदार जी ने आदेश की अवहेलना करते हुए आज दिनांक 27/06/2024 तक कोई भी कार्यवाही नही की। इस संबंध में आवेदिका सहित जनप्रतिनिधि जानना चाहती है कि, किस वजह से महोदया जी आदेशों का पालन नहीं करना चाहती ?
आवेदिका के द्वारा समाचार पत्र के माध्यम से आदेशों का पालन ना करने का कारण बताओ की प्राप्ति हेतु तहसीलदार महोदया जी जवाब प्रस्तुत करना सुनिश्चित करें। जवाब भी सन्तोषजनक होना चाहिए।
सवाल ?
01. तहसील में अविनाश सार्थी शिक्षा विभाग स्कूल का आॅपरेटर को लीडर बनाकर किसके आदेश पर रखा गया।
02. देवेन्द्र जायसवाल जो कि बाहरी व्यक्ति है उसे जाति, आय और निवास बनाने का हक कैसे दिया गया ? किसके द्वारा नियुक्ति किया गया है।
03. शिक्षा विभाग के रेगुलर टीचर जो कि महिला को किसके आदेश पर तहसील में रखा गया।
04. क्या जाति, आय और निवास बनाने के लिए तहसील में पैसा लिया जाता है ?
इतनी बड़ी जिम्मेदारी के लिए बाहर के व्यक्ति को कैसे रखा गया ? लोगों का कहना है कि, ये सभी लोग तहसील में बिना पैसे का कोई काम भी नहीं करते। ऐसा कौन सा बाबू है जिसके इशारे पर पूरा तहसील का काम चलता है ? जबकि संयुक्त संभाग के आदेश को लेकर एक बहाना बनाकर नयाब तहसीलदार व पटवारी संजय सूर्यवंशी, आर.आई. शिवकुमार सिंह के द्वारा जांच करने के बाद भी तहसीलदार किसी के दबाववश या पैसे का प्रभाव। जो कि रविवार दिनांक 23/06/2024 को तहसीलदार के निर्देश पर जांच करने आर.आई. व पटवारी के आने पर जांच का प्रतिवेदन तहसीलदार को दिया गया या नहीं ? प्रतिवेदन दिया गया तो तहसीलदार ने आगे कार्यवाही क्यों नहीं की ?
इस संबंध में वशिष्ठ टाइम्स समाचार पत्र के संपादक भी जानने के लिए तहसील आॅफिस पहुंचे। तहसीलदार महोदया से जांच की बात समझने के लिए तहसीलदार महोदया जी से बात किया गया, परंतु महोदया जी द्वारा न्यायालय से हटकर बात की, आप अपने टुटे-फुटे मकान की मरम्मत करा लें मौखिक रूप से। पर महोदया जी ने कोई भी लिखित आदेश किसके कहने पर नहीं दिया क्यों ? महोदया जी ने अपने पद की गरिमा को गंभीर रूप में न लेकर, अपने से सिनियर सिटीजन को व एक समाचार पत्र के राष्ट्रीय स्तर के संपादक को इस तरीके से जवाब दिया गया कि, मौखिक रूप से निर्माण करा लें। जब आवेदिका को निर्माण कराना ही होता तो कमिशनर व तहसील के सामने क्यों जाते ? इससे यह प्रतीत होता है कि, अपने पद की गर्मी इतनी बड़ी होती है कि, छोटो-बड़ो को नहीं देखा जाता। तहसीलदार के द्वारा कार्यवाही न होने के कारण कलेक्टर व एस.डी.एम. को भी लिखित रूप से कार्यवाही के निर्देश के लिए निवेदन किया गया। लगभग एक माह होने को आ रहा है और बरसात का समय है उसको नजर अंदाज करते हुए किस बाबू के दबाव में व अनावेदक के बल पर तहसीलदार द्वारा कार्यवाही करने को टाला जा रहा है। इस संबंध में माननीय भईयालाल राजवाड़े जी को लिखित रूप से अवगत कराया गया है पर तहसील कार्यालय में वह भी नजर अंदाज कर दिया गया। जब ऐसे लोगों की शिकायत पर भी कोई कार्यवाही नहीं की जा रही है तो इसका मतलब यह है कि, अधिकारी अपने पद का दूरूपयोग कर रहे है।