Home अंबिकापुर अम्बिकापुर : वन विभाग में फर्जी बिल लगाकर रेंजरों द्वारा हेरा-फेरी …………….

अम्बिकापुर : वन विभाग में फर्जी बिल लगाकर रेंजरों द्वारा हेरा-फेरी …………….

41
0

अम्बिकापुर डिविजन वन विभाग से लगे रेंजरों द्वारा फर्जी बिल लगाकर नीचे से लेकर ऊपर तक हेरा-फेरी जोरो-शोरो से चल रही है। जानकार सूत्र बताते है कि, सी.सी.एफ., डी.एफ.ओ. व एस.डी.ओ. सभी फर्जी बिलों पर दस्तखत कर रहे है। अब देखने वाली बात यह है कि, सभी फर्जी बिलों पर दस्तखत क्यों और कैसे हो रहा है ? और सच्चाई कहां है ? रेंजर मालामाल व करोड़ों में खेल रहे है।

जानकार सूत्र बताते है कि, रेंजर लोग छुटभईया पत्रकारों को अपने क्षेत्र का मुखिया बना कर पैसे बांट रहे है। नयी पीढ़ी के पत्रकार पैसा वसूली कर रहे है। और शाम को दारू के नशे में धुत हो जाते है। ये पत्रकारिता है या छिछोरापन ? पत्रकारिता को नयी पीढ़ी के पत्रकार तार-तार कर दिए है।

लोगों में चर्चा है कि, कुछ रेंजर तो ऐसे भी है जो कि दस्तखत करने से हाथ कांपता है। क्योंकि रेंजर लोग कुछ नहीं जानते है वहीं बाबू लोग फर्जी बिल बनाते है और बाबू के माध्यम से पूरा रेंज चलता है। क्योंकि बाबू के माध्यम से ही छुटभईया पत्रकारों को पैसे मिलते है। क्या सरकार ऐसे रेंजरों की जांच नहीं कर रही ? जिसके पास करोड़ो का पेट्रोल पम्प, चार-चार मकान और दो-दो कार है इनकी जांच की जाये। इसका कारण यह है कि, मुख्य प्रधान वन संरक्षक कब किसको कितना पैसा पहुंच रहा है ये भी नहीं जानते ? एवं विभाग में डिप्टी रेंजर भी रेंजर बन कर पैेसा निकाल रहे है। जिसे किसी चीज का ज्ञान नहीं है उसे भी पैसा ले-देकर रेंजर की कुर्सी पर बैठा दिया जाता है। देखा जाए तो मैनपाट व सीतापुर के रेंजरों का फर्जीवाड़ा देखकर दंग रह जायेंगे।

लोगों में चर्चा का विषय है कि, फैकू चैबे जो कि पूर्व में मैनपाट में रेंजर पद में रहकर करोड़ो के फर्जी बिलों में हेरा-फेरी व जंगल कटवाने में नंबर वन में रहे है। इसी प्रकार विजय तिवारी अपने रेंज में बाबूओं के द्वारा फर्जी बिलों का व जंगल कटवाने में माहिर है। क्या डी.एफ.ओ. अम्बिकापुर व सी.सी.एफ. वनमण्डाधिकारी ऐसे डिप्टी रेंजरों के ऊपर कार्यवाही करा पायेंगे ?

चर्चा का विषय है कि, पूर्व से ही मुख्य प्रधान संरक्षक पैसा लेकर लोगों को रेंजर बनाते रहे है। क्या सरकार या मंत्री इससे वंचित है। पूर्व में वन मंत्री वन विभाग के बदौलत अरबों के आसामी बने। उनकी जन्मभूमि में व कर्मभूमि में दो-चार किराए पर मकान भी है। यह सभी जांच का विषय है। इन सभी तथ्यों को गोपीनीय विभाग द्वारा जांच कर कार्यवाही करें।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here