नरसिंहपुर : कलेक्टर श्रीमती शीतला पटले के निर्देश एवं उप संचालक कृषि के मार्गदर्शन में गाडरवारा में अतरोलिया ट्रेडर्स कृषि सेवा केन्द्र, नर्मदा कृषि सेवा केन्द्र, जगदम्बा ट्रेडर्स एवं पटेल एजेंसी का निरीक्षण किया गया। निरीक्षण के दौरान कमियां पाये जाने पर नोटिस जारी किये गये। साथ ही नमूना लेकर प्रयोगशाला भेजे जा रहे हैं।
खरीफ सीजन चालू हो गया है। जिले के समस्त कृषि आदान विक्रेताओं की बैठक ली गई। विक्रेताओं को गुणवत्तायुक्त आदान विक्रय करने के निर्देश दिये गये। इस दौरान किसानों को भी सलाह दी गई है कि वे विक्रेताओं से बिल अवश्य प्राप्त करें। बिल न देने एवं किसी भी प्रकार की अनियमितता पाई जाती है, तो इसकी लिखित शिकायत क्षेत्रीय वरिष्ठ कृषि विकास अधिकारी कार्यालय में दे सकते हैं। अद्यतन स्थिति में उर्वरक के 125, बीज के 116 एवं कीटनाशक के गुणवत्ता सुनिश्चित करने हेतु आवश्यक कार्यवाही की गई।
खरीफ वर्ष 2024 सीजन प्रारंभ होने वाला है। कृषकों को खरीफ मौसम में उत्ततम गुणवत्ता वाला कृषि आदान उर्वरक/ बीज/ कीटनाशक औषधि प्राप्त हो। इसको सुनिश्चित करने के लिए अधिनियमों का पालन न करने वाले उर्वरक गुण नियंत्रण आदेश 1985 कीटनाशी अधिनियम 1968 एवं नियम 1971 तथा बीज अधिनियम 1966, बीज (नियंत्रण) आदेश 1983 के प्रावधान शासन द्वारा बनायें गये है।
जारी प्रावधान के अनुसार अधिकृत लायसेंस प्राप्त करने के बाद ही व्यापार प्रांरभ करें। केवल अधिकृत स्थान पर ही भण्डारण करें। प्रत्येक निर्माता और प्रत्येक प्रकार के उर्वरकों/ बीज/ कीटनाशक का वितरण प्राधिकृत प्रपत्र पर आवश्यक अंकित करायें। केवल उन्हीं उर्वरकों का व्यापार करें, जिसका विवरण प्राधिकृत प्रपत्र पर अंकित है। अधिकृत प्रपत्र को कारोबार के प्रमुख स्थान पर प्रदर्शित करें। सभी आदान की स्टॉक स्थिति तथा मूल्य सूची भी प्रदर्शित करें। सभी आदान मानक स्तर के हो एवं निर्धारित मूल्य से अधिक पर नहीं बेचे। अपने प्राधिकृत प्रमाण- पत्र का नवीनीकरण अवसान तिथि से पूर्व ही करवा लें। प्रत्येक क्रेता को फार्म- एम की रसीद दें एवं व्यापार का हिसाब किताब फार्म- एन के अनुसार ही रखें। इसी प्रकार बीज एवं कीटनाशक की भी रसीद कृषकों को निर्धारित प्रपत्र में उपलब्ध कराई जाये।
मिलावटी एवं नकली कृषि आदान न बेचे तथा जिस बोरे पर पूरा विवरण न छपा हो उसे न बेचे, यदि प्राधिकार पत्र निरस्त एवं वैध न हो तो व्यापार न करें। प्रत्येक माह वरिष्ठ कृषि विकास अधिकारी/ निरीक्षक एवं कृषि कार्यालय को भण्डारण, वितरण का प्रतिवेदन 5 तारीख तक अनिवार्य रूप से भेजना सुनिश्चित करें।
निर्देशित किया गया कि उर्वरक/ बीज/ कीटनाशक औषधि अधिनियमों का पालन सुनिश्चित करें। अन्यथा की स्थिति में सम्बंधित के विरुद्ध कार्यवाही प्रस्तावित लायसेंस निलंबन/ निरस्तीकरण एवं एफआईआर दर्ज करने की कार्यवाही की जावेगी।
खरीफ सीजन वर्ष 2024 में धान लगभग 70 हजार हेक्टर में एवं मक्का लगभग 48 हजार हेक्टर में बोई जाना प्रस्तावित है। अत: कृषि विभाग द्वारा बीज विक्रय के लिए लायसेंस इस आशय के साथ जारी किया जाता है कि विक्रेता अपने जिले के कृषकों की मांग अनुसार विषय में वर्णित मानक बीज समय पर उपलब्ध कराना सुनिश्चित करेंगे।
विक्रेताओं को यह ध्यान देना चाहिये कि रिसर्च के नाम पर बाजार में बिकने वाला बीज, बीज की श्रेणी में नहीं आता है। अतः रिसर्च बीज का जिले में परिवहन, भंडारण एवं विक्रय न किया जाये। ऐसा करने पर बीज अधिनियम 1966 के प्रावधान अनुसार दण्डात्मक कार्रवाई की जावेगी। बीज की अधिक मांग होने पर टीएल (सत्यशरूप) एवं हाइब्रिड बीज के विक्रय की अनुमति सीमित मात्रा में तब दी जा सकती है, जब टीएल एवं हाइब्रिड बीज से संबंधित कृषि विभाग के कार्यालय में उपलब्ध कराना सुनिश्चित करेंगे। इस दौरान बताया गया कि बीज का वर्ग, बीज का स्रोत, बीज की किस्मी, बीज का लॉट नम्बर, बीज के अंकुरण एवं शुद्धता का प्रतिशत तथा विश्लेषण की तारीख, बीज में लगाये जाने वाले लेबल की जानकारी, बीज की अधिसूचना की रिपोर्ट, हाईब्रिड बीज में मेल, फीमेल लाइन की जानकारी, उक्त बीज का प्रदर्शन कहां- कहां किया गया/ डाला गया एवं उसकी रिपोर्ट, बीज का उत्पादन, स्वयं के खेतों में या कृषकों के खेतों में लिया गया, उत्पादित मात्रा तथा जिले में विक्रय हेतु कितनी मात्रा में भंडारण किया गया, बीज के किस- किस जिले में कितने कितने नमूने लिये गये, प्रयोगशाला से प्राप्त विश्लेषण रिपोर्ट, मध्यप्रदेश में बीज विक्रय हेतु अनुमति, बीज की नरसिंहपुर कृषि जलवायु क्षेत्र हेतु अनुशंसा (मध्य नर्मदा घाटी) की जानकारी उपलब्ध करायें।