बैकुण्ठपुर मुख्यालय टाउन के अंदर हर्रा वन औषधि का पेड़ काटना कानूनी जुर्म है। आज इस संबंध को लेकर लगभग दो-तीन सप्ताह हो गये है। परंतु जिला प्रशासन मौन क्यों ? दिन दहाड़े हरा-भरा पेड़ हर्रा को काट कर ले गये तो सोचने वाली बात है कि, कोरिया जिले की क्या सुरक्षा हो सकती है ?
वहीं उप पंजीयक ने रजिस्ट्री के समय हरे-भरे लगभग दस पेड़ो का आंकन क्यों नहीं किया ? इससे यह प्रतीत होता है कि, उप पंजीयन ने भी रिश्वत ली है। क्या पटवारी ने राजस्व स्टाॅम की चोरी की है। यदि चोरी नहीं की होती तो राजस्व विभाग से उन्हें पेड़ काटने की अनुमति लेनी होती। जानकार सूत्र बताते है कि, पटवारी बालमिक मिश्रा बिना पैसे के दस्तखत भी नहीं करते और न ही कोई काम करते है। ये करोड़ो के आसामी बन चुके है। यह जांच का विषय है कि, इनके पास आय से ज्यादा सम्पत्ति कहां से आयी ? अपने लड़के को भी भू-माफिया बना दिया है। कोरिया प्रशासन को चाहिए कि, ऐसे व्यक्ति को सहयोग प्रदान न करें।
जानकार सूत्र बताते है कि, अपने लड़के को जिले के अन्तर्गत जमीनों का भू-माफिया बना दिया है। इससे ज्यादा गुंडा पटवारी कौन हो सकता है ? जो खुलेआम बोलेरो खरीद कर लगभग दस-पंद्रह लोगों को उसमें भरकर घुम-घुमकर जमीनों का सौदा कर रहा है। प्रशासन देख रहा है पर पटवारी को निलंबित करने के लिए प्रशासन का हाथ कांप रहा है। क्या कारण है कि, गवाहों के साक्ष्य के साथ हरा-भरा पेड़ काटा गया। जिसमें पहला गवाह जे.सी.बी. देवा यादव, दूसरा गवाह जमीन बेचने वाला और तीसरा गवाह जमीन खरीदने वाला है।
बताया जाता है कि, लगभग आठ वृक्ष हर्रा के वन औषधि लकड़ी को कोरिया प्रशासन आज तक नहीं पकड़ पाया और न ही आरा मशीन भी सीज हुई। अशोक विश्वकर्मा के ऊपर कोरिया प्रशासन की कार्यवाही की जायेगी तभी लकड़ी जप्त की जायेगी। बड़ी विडम्बना है कि, कोरिया प्रशासन के ऊपर एक बिहारी सब पर भारी हो गया है। कोरिया की जनता की मांग है कि, पटवारी बालमिक मिश्रा को निलंबित कर जांच किया जाये। कार्यवाही न होने पर कोरिया की जनता उग्र रूप धारण कर सकती है।