जिला मुख्यालय बैकुण्ठपुर में बिहारी अशोक विश्वकर्मा व शर्मा जो कि, बिहार के निवासी है। जानकार सूत्र बताते है कि, यह पूर्व में बिहार से लाकर गांजा तस्करी लम्बे स्तर पर करते थे। इनका पैसा जब बढ़ गया तब इन्होनें लकड़ी का काम चालू कर दिया गया। जानकार सूत्र बताते है कि, इनके द्वारा रायपुर से लकड़ी की आरा मशीन सांठ-गांठ करके बैकुण्ठपुर में लाए। इन्होनें पटवारियों से सांठ-गांठ की जिसमें पटवारी बालमिक मिश्रा भी संलिप्त है। ये पूरा मार्गदर्शन देता है कि, हरा-भरा पेड़ कहां है और उसे पार्टनरशिप में कटवा लेता है। जानकार सूत्र बताते है कि, इसके कालेकरनामें से लगभग 5-7 मकान भी बनाए गये है जो कि किराए पर चल रहे है। यह व्यक्ति पूर्व में एक चरित्र के मामले में फंसा था। जिसे पैसे के बल पर परिवार वालों को लगभग 20 लाख रूपये इसके द्वारा दिया गया तब वह मामला समाप्त हुआ। अभी हाल ही में पूर्व मार्गदर्शन रोड पर डेढ़ एकड लगभग जमीन खरीदा गया। जिसमें दस पेड हर्रा के हरे-भरे वृक्ष थे। जिसको काटकर अशोक विश्वकर्मा व शर्मा द्वारा अपने ट्रेक्टर से ले जाया गया। जिसमें अशोक विश्वकर्मा के लड़के के द्वारा आरा से हरा-भरा पेड़ काटा जो कि हर्रा वन औधषि का काम करता है। उस हरे-भरे पेड़ को काटते समय बैकुण्ठपुर थाना में भी शिकायत किया गया। जो कि मौखिक रूप से था। सोचने वाली बात है कि, हरे-भरे पेड़ को काट कर ले जाते समय रेवा यादव जो कि जे.सी.बी. का संचालक है, दूसरा गवाह जिसकी भूमि है। तीसरा गवाह जिसने भूमि बेची है उसके नजर में भी हरे-भरे पेड़ हर्रा के थे। इसे सेटेलाईट द्वारा भी देखा जा सकता है। जानकार सूत्र बताते है कि, हरे-भरे हर्रा पेड़ को पटवारी द्वारा राजस्व स्टाॅम की चोरी की। क्योंकि बालमिक मिश्रा का सुपुत्र भू-माफिया का मुख्य सरदार है। जब वशिष्ठ टाइम्स समाचार पत्र के माध्यम से समाचार को प्रकाशित किया गया तो लगभग 7-8 ट्रेक्टर लकड़ी को अपने आरा मिल से इन लोगों के द्वारा उठाकर गायब कर दिया गया। सोचने वाली बात है कि, कोरिया पुलिस प्रशासन से लेकर राजस्व विभाग व वन विभाग इसमें संलिप्त है। क्या अशोक विश्वकर्मा व शर्मा के द्वारा सभी को पैसे से खरीदा गया ? प्रशासन को चाहिए कि, जमीन, जे.सी.बी. व आरा मशीन को राजसाथ किया जाए। देखने वाली बात है कि, आज दिनांक 05/06/2024 तक लकड़ी काटा गया है वह आरा तक जप्त नहीं हुआ है। जानकार सूत्र बताते है कि, पटवारी बालमिक मिश्रा द्वारा मिलीभगत से हरे-भरे पेड़ गायब हो गये। परंतु अभी तक कोई भी कार्यवाही नहीं हो रही है क्यों ?