नरसिंहपुर : जिले में खरीफ 2024 में कृषकों को उत्तम गुणवत्ता का कृषि आदान सामग्री उर्वरक/ बीज/ कीटनाशक सुनिश्चित कराने एवं किसानों को अनुसार उर्वरकों का औद्योगिक एवं गैर कृषि कार्यों में उपयोग, कालाबाजारी, अवैध भंडारण/ परिवहन रोकने के लिए कलेक्टर श्रीमती शीतला पटले ने जिला, अनुविभाग व विकासखंड स्तरीय उड़नदस्ता दलों का गठन किया है।
नरसिंहपुर जिले के लिए जिला स्तरीय दल क्रमांक एक में सहायक संचालक कृषि एईटीसी नरसिंहपुर डॉ. रश्मि ठाकुर को प्रभारी, वरिष्ठ कृ.वि. अधिकारी श्रीमती विभा सिंह तोमर को जिला स्तरीय निरीक्षक, संबंधित क्षेत्र अनुविभागीय कृषि अधिकारी को निरीक्षक/ सदस्य, संबंधित क्षेत्र के निरीक्षक एवं वरिष्ठ कृ.वि. अधिकारी को निरीक्षक/ सदस्य और संबंधित क्षेत्र के कृषिविस्तार अधिकारी (कृषि स्नातक) को सदस्य/ सहयोगी नियुक्त किया है।
इसी तरह जिला स्तरीय दल क्रमांक 2 में सहायक संचालक कृषि (गन्ना) डॉ. अभिषेक दुबे को प्रभारी, वरिष्ठ कृषि विस्तार अधिकारी श्री व्हीपी दुबे को जिला स्तरीय निरीक्षक, संबंधित क्षेत्र अनुविभागीय कृषि अधिकारी को निरीक्षक/ सदस्य, संबंधित क्षेत्र के निरीक्षक एवं वरिष्ठ कृ.वि. अधिकारी को निरीक्षक/ सदस्य और संबंधित क्षेत्र के कृषिविस्तार अधिकारी (कृषि स्नातक) को सदस्य/ सहयोगी नियुक्त किया है।
नरसिंहपुर, करेली एवं गोटेगांव अनुविभाग स्तरीय दल में प्र.अनु.वि.कृ.अधि. श्रीमती शिल्पी नेमा को प्रभारी, वरिष्ठ कृषि विस्तार अधिकारी श्रीमती विभा सिंह तोमर को निरीक्षक/ सदस्य, संबंधित क्षेत्र के निरीक्षक एवं वरिष्ठ कृषि विस्तार अधिकारी को निरीक्षक/ सदस्य व संबंधित क्षेत्र के कृषि विस्तार अधिकारी (कृषि स्नातक) को सदस्य/ सहयोगी नियुक्त किया गया है।
चीचली, सांईखेड़ा व चांवरपाठा अनुविभाग स्तरीय दल में अनु.वि.कृ.अधि. गाडरवारा श्रीमती पूजा पासी को प्रभारी, संबंधित क्षेत्र के निरीक्षक एवं वरिष्ठ कृषि विस्तार अधिकारी को निरीक्षक/ सदस्य व संबंधित क्षेत्र के कृषि विस्तार अधिकारी (कृषि स्नातक) को सदस्य/ सहयोगी नियुक्त किया गया है। इसी तरह संबंधित विकासखंड क्षेत्र के विकासखंड स्तरीय दल में संबंधित क्षेत्र के निरीक्षक एवं वरिष्ठ कृषि विस्तार अधिकारी को प्रभारी व संबंधित क्षेत्र के कृषि विस्तार अधिकारी (कृषि स्नातक) को सदस्य/ सहयोगी नियुक्त किया गया है।
जारी आदेश के अनुसार निरीक्षण के दौरान कलाबाजारी, अवैध भंडारण, परिवहन, मिसब्रांड, लायसेंस के बिना सामग्री विक्रय, लायसेंस में उल्लेखित कम्पनी के अलावा अतिरिक्त बिना पीसी के सामग्री विक्रय एवं निर्धारित दल से अधिक पर विक्रय पाये जाने की स्थिति में उर्वरक गुणानियंत्रण आदेश 1985 एवं आवश्यक वस्तु अधिनियम 1955 के तहत उनका उर्वरक विक्रय लायसेंस निरस्त करने तथा पुलिस प्राथमिकी- एफआईआर दर्ज कर सख्त वैधानिक कार्यवाही सुनिश्चित करेंगे। साथ ही आवश्यकता पड़ने पर अनुविभागीय राजस्व अधिकारी, तहसीलदार व पुलिस से सहयोग प्राप्त करेंगे। यदि क्षेत्र में किसी भी प्रकार की अनियमितताओं की स्थिति निर्मित होती है, तो इसकी जिम्मेदारी क्षेत्रीय निरीक्षक एवं वरिष्ठ कृषि विकास अधिकारी की होगी। उक्त सभी दल अनुज्ञापन अधिकारी एवं उप संचालक किसान कल्याण तथा कृषि विकास के निर्देशन में कार्य सम्पादित करेंगे व प्रतिदिवस प्रतिवेदन प्रस्तुत करेंगे।