कोरिया : दुनियाभर में 17 मई 2024 को वर्ल्ड हाइपरटेंशन डे के रूप में मनाया जा रहा है। यह दिन इस गंभीर समस्या के प्रति लोगों को जागरूक बनाने के मकसद से मनाया जाता है। हाइपरटेंशन को आमतौर पर हाई ब्लड प्रेशर के रूप में जाना जाता है। भले ही आज का दिन हाई ब्लड प्रेशर की समस्या को समर्पित है लेकिन ब्लड प्रेशर से जुड़ी अन्य कई समस्याएं भी इन दिनों लोगों के लिए चिंता का विषय बनी हुई हैं। हमारी लाइफस्टाइल और खानपान हमारे ब्लड प्रेशर को काफी प्रभावित करता है।
इसी कड़ी में कलेक्ट्रेट, जिला पंचायत, अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व) कार्यालय एवं जिले के समस्त स्वास्थ्य संस्थानों में शिविर का आयोजन किया गया था। इन शिविरों में निःशुल्क ब्लड प्रेशर, शुगर व हीमोग्लोबिन की जांच कराने के लिए आम लोगों के अलावा शासकीय अधिकारी, कर्मचारियों ने भी बड़ी संख्या में पहुंच कर जांच कराए हैं। डॉक्टरों से मिली जानकारी के अनुसार शुगर 1012, बीपी 1012 तथा हीमोग्लोबिन 1012 लोगों ने जांच कराए हैं। जिसमें से 40 लोगांे को शुगर, 82 लोगों को बीपी होने की शिकायत मिली था 24 लोगांे में हीमोग्लोबिन की कमी पाई गई। इन मरीजों को निःशुल्क दवाई दिए गए।
ऐसे बीमारियों से बचने के लिए संतुलित एवं पौष्टिक आहार लेना जरूरी है। 30 वर्ष या उससे अधिक आयु वाले व्यक्ति को अपनी रक्तचाप की जांच निरंतर कराते रहना चाहिए। शुगर या बीपी को नियंत्रित करने के लिए नजदीकी स्वास्थ्य केन्द्रों में जांच व उपचार कराते रहना चाहिए। ब्लड प्रेशर को प्रभावित करने में खानपान, बदलते जीवन शैली के अलावा कुछ पर्यावरणीय कारक भी होते हैं। बढ़ते तापमान उन्हीं कारकों में से एक है। देश के ज्यादातर हिस्से में भीषण गर्मी और तेज लू चलने की वजह से ब्लड प्रेशर पर भी असर पड़ता है। इस बारे में जिला अस्पताल बैकुंठपुर में पदस्थ डॉक्टर ए.के. सिंह (एम.डी.मेडिसिन) का कहना है कि अलग-अलग लोगों के ब्लड प्रेशर पर गर्म मौसम और अत्यधिक आर्द्रता यानी ह्यूमिडिटी का अलग-अलग प्रभाव हो सकता है। ऐसे में उन्होंने इसके कुछ मुख्य कारण बताए हैं-
डिहाइड्रेशन-अकसर हाई तापमान और ह्यूमिडिटी के कारण गर्मियों में ज्यादा पसीना निकलने लगता है। ऐसे में अगर पर्याप्त मात्रा में पानी या अन्य तरल पदार्थ नहीं पी रहे हैं, तो डिहाइड्रेशन हो सकता है। डिहाईड्रेशन के कारण खून में पानी की कमी हो जाती है, जिससे ब्लड प्रेशर और भी कम हो सकता है और बेहोशी या चक्कर आना जैसे नजर आ सकते हैं।
हीट स्ट्रेस-लंबे समय तक ज्यादा तापमान के संपर्क में रहने से गर्मी में थकावट या हीट स्ट्रेस हो सकता है, जो आपकी हार्ट हेल्थ पर प्रतिकूल प्रभाव डाल सकता है। इससे ब्लड प्रेशर में वेरिएशन्स हो सकता है, जो शरीर में गंभीर तनाव का अनुभव होने पर बढ़ सकता है या वासोडिलेशन और डिहाईड्रेशन के परिणामस्वरूप कम हो सकता है।
वासोडिलेशन-ब्लड फ्लो को बेहतर बनाने और शरीर की कूलिंग प्रोसेस में मदद करने के प्रयास में ब्लड वेसल्स आमतौर पर गर्म मौसम में फैलती हैं। इस वासोडिलेशन के परिणामस्वरूप ब्लड प्रेशर कम हो सकता है। ऐसा इसलिए क्योंकि शरीर को गर्म और उमस भरे मौसम में खुद को ठंडा करने के लिए अधिक मेहनत करनी पड़ती है।
ब्लड प्रेशर रेगुलेशन होता है प्रभावित-गर्मियों में अक्सर तेज धूप और गर्मी की वजह से ढेर सारा पसीना आता है। इससे न सिर्फ शरीर का पानी खत्म होता है, बल्कि नमक और पोटेशियम जैसे इलेक्ट्रोलाइट्स भी नष्ट हो जाते हैं। इन इलेक्ट्रोलाइट्स में असंतुलन सामान्य रूप से हार्ट हेल्थ और विशेष रूप से ब्लड प्रेशर रेगुलेशन को प्रभावित कर सकता है।+
इन बातों का रखना होगा ध्यान-
गर्म और उमस भरे मौसम में, ब्लड प्रेशर को नियंत्रित रखने और हार्ट हेल्थ को बनाए रखने के लिए सावधानियां महत्वपूर्ण हैं। भले ही प्यास न लगे, फिर भी ब्लड प्रेशर पर गर्म मौसम और ह्यूमिडिटी के प्रभाव को नियंत्रित करने में मदद करने के लिए बहुत सारा पानी पीकर हाइड्रेटेड रहना जरूरी है। कैफीन और अल्कोहल से दूर रहना महत्वपूर्ण है, क्योंकि ये डिहाईड्रेशन का कारण बन सकते हैं।
गर्म और उमस भरे मौसम में, ब्लड प्रेशर को नियंत्रित रखने और हार्ट हेल्थ को बनाए रखने के लिए सावधानियां महत्वपूर्ण हैं। भले ही प्यास न लगे, फिर भी ब्लड प्रेशर पर गर्म मौसम और ह्यूमिडिटी के प्रभाव को नियंत्रित करने में मदद करने के लिए बहुत सारा पानी पीकर हाइड्रेटेड रहना जरूरी है। कैफीन और अल्कोहल से दूर रहना महत्वपूर्ण है, क्योंकि ये डिहाईड्रेशन का कारण बन सकते हैं।
अगर गर्म मौसम में बाहर रहना है, तो ठंडे या वातानुकूलित स्थान पर बार-बार रुकने से अत्यधिक गर्मी से बचने में मदद मिल सकती है। हल्के, हवादार कपड़े पहनते हैं, जो शरीर के तापमान को नियंत्रित करने में मदद करते हैं,तो आपका शरीर गर्मी को अधिक आसानी से सहन कर सकता है।
जिला पंचायत के मंथन कक्ष में लगे शिविर में डॉ. अनित बखला, डॉ. अंकित परिहार, डॉ. शिल्पा गजपाल, स्टॉफ नर्स सुमित जायसवाल व लैब टेक्नीशियन अंकिता एक्का सहित जिले के 91 शिविरों में उपस्थित डॉक्टरों, स्टॉफ नर्स, लैब टेक्नीशियनों ने बहुत ही जिम्मेदारियों के साथ अपनी सेवाएं दी हैं।