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मध्य प्रदेश : भोपाल में एक निजी बोर्डिंग स्कूल के छात्रावास में आठ साल की मासूम के साथ दुष्कर्म का मामला………..

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भोपाल : मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल से एक हैरान करने वाली खबर सामने आ रही है। यहां एक निजी बोर्डिंग स्कूल में के छात्रावास में आठ साल की मासूम के साथ दुष्कर्म का मामला सामने आया है। पीड़ित छात्रा की मां ने मंगलवार की देर रात मिसरोद थाने में एफआईआर दर्ज कराई है। पीड़िता के परिजनों ने हॉस्टल और स्कूल स्टाफ पर बच्ची के साथ दुष्कर्म करने का आरोप लगाया है। जिसके आधार पर तीन लोगों के खिलाफ दुष्कर्म का केस दर्ज किया गया है। पीड़ित छात्रा की मां ने बताया कि वह अपनी बेटी को छात्रावास में छोड़कर गई थी, उसके बाद बच्ची से उनकी फोन पर बात हुई तो उसने पूरे घटनाक्रम को बताया। उसके बाद वह छात्रावास पहुंची और बच्ची के चिकित्सकीय परीक्षण के लिए अस्पताल ले गई। जहां चिकित्सक ने उसका चेकअप किया और पाया कि उसके प्राइवेट पार्ट में सूजन है और रक्त भी आया है। यह घटना तीन से पांच दिन पुरानी बताई जा रही है। पुलिस फिलहाल मामले की जांच करने की बात की जा रही है और उसके बाद ही कार्रवाई करेगी। कहा ये भी जा रहा है कि छात्रा को दाल चावल के साथ नशीला पदार्थ भी खिलाया गया, जिससे छात्रा बेसुध हो गई।

पीड़िता की मां ने बताया कि, निजी बोर्डिंग स्कूल की तरफ से मामले को दबाने के लिए दबाव बनाया जा रहा है। वहीं घटना के बाद बच्ची को भी धमकाया गया है। पीड़िता की मां ने निजी बोर्डिंग स्कूल के हॉस्टल में दुष्कर्म की वारदात को अंजाम देने की बात कहते हुए वार्डन, ओनर पर भी गंभीर आरोप लगाए हैं। निजी बोर्डिंग स्कूल की डायरेक्टर ने अपनी बयान में कहा कि, बच्ची से दुष्कर्म के आरोपों को झूठा बताया है। उन्होंने कहा कि, हमे गलत तरीके से फंसाया जा रहा है। अभी स्कूल छुट्टी नहीं लगी है, सभी बच्चे यहीं थे। उन्होंने आगे कहा कि, बच्ची हँसते हुए स्कूल से बाहर गई थी। बच्ची के खाने में किसी ने कुछ नहीं मिलाया है और अगर बच्ची के साथ ऐसा कुछ हुआ है तो मैं उसके साथ खड़ी हूं। निजी बोर्डिंग स्कूल की डायरेक्टर ने आगे कहा कि, स्कूल पर दाग लगाना बहुत आसान है। पुलिस ने जितने सीसीटीवी फुटेज मांगे थे उन्हें सब दे दिए गए थे। हम 28 साल से स्कूल संचालन कर रहे हैं, आज तक ऐसा आरोप नहीं लगा है। उन्होंने ने आगे कहा कि, जिस महिला ने आरोप लगाया है पहले उसका क्रिमिनल रिकॉर्ड पता कर ले। बच्ची का एडमिशन 19 अप्रैल को हुआ और 29 आपरेक को बच्ची की मां उसको ले गई। बच्ची के एडमिशन के वक्त उसकी मां ने पूरे दस्तावेज भी जमा नहीं किए हैं।

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