केंद्र सरकार ने मंगलवार को भारतीय मूल के 22 वैज्ञानिकों को ‘वैभव’ फेलोशिप देने की घोषणा की है। ये वैज्ञानिक देश के प्रमुख संस्थानों में आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस (एआई) और क्वांटम तकनीक जैसे क्षेत्रों में अनुसंधान परियोजनाएं चलाने में मदद करेंगे। ये वैज्ञानिक डाटा साइंस, मशीन लर्निंग, आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस सहित कई क्षेत्रों में अनुसंधान में मदद करेंगे। वैभव फेलोशिप के लिए जिन 22 वैज्ञानिकों के नामों की घोषणा की गई है, वे ऑस्ट्रेलिया, कनाडा, फिनलैंड, जापान, सिंगापुर, स्वीडन, स्विट्जरलैंड, ब्रिटेन और अमेरिका के शीर्ष संस्थानों में हैं। ये वैज्ञानिक मिलकर परियोजनाओं पर अगले तीन वर्षों तक आईआईएससी, आईयूसीएए और आईआईटी जैसे भारतीय संस्थानों के साथ काम करेंगे। विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्री जितेंद्र सिंह ने यह घोषणा की। इस दौरान नीति आयोग के सदस्य वीके सारस्वत, मुख्य वैज्ञानिक सलाहकार एके सूद और विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी (डीएसटी) विभाग के सचिव अभय करंदीकर भी मौजूद थे। वैभव फेलोशिप कार्यक्रम बीते साल 2023 में डीएसटी ने शुरू किया गया था। इसी तरह यूनिवर्सिटी ऑफ जिनेवा के अजीत श्रीवास्तव पुणे स्थित आईआईएसईआर के साथ इलेक्ट्रॉनिक्स और सेमीकंडक्टर उपकरणों के क्षेत्र में काम करेंगे। जबकि, ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर सुबीर सरकार डाटा साइंस के क्षेत्र में टाटा इंस्टीट्यूट ऑफ फंडामेंटल रिसर्च के साथ काम करेंगे। कैलिफोर्निया इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी के खगोल विज्ञान विभाग में प्रोफेसर मानसी मनोज कासलीवाल डाटा साइंस के क्षेत्र में आईआईटी-बॉम्बे में काम करेंगी। यूनिवर्सिटी ऑफ साउथर्न कैलिफोर्निया से मुरली अन्नावरण आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस और मशीन लर्निंग के क्षेत्र बंगलूरू स्थित आईआईएससी में वैज्ञानिकों के साथ काम करेंगे।
विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्री जितेंद्र सिंह ने भारतीय मूल के 22 वैज्ञानिकों के लिए वैभव फेलोशिप देने की घोषणा की……..
भारतीय मूल के 22 वैज्ञानिकों के लिए वैभव फेलोशिप की घोषणा,