छत्तीसगढ़ में नई पीढ़ी के पत्रकारों की संख्या बढ़ती जा रही है। नई-नई पीढ़ी के नई-नई करिश्मा देखने को मिलता है। एक ही परिवार में बाप-बेटे पत्रकार 12 बजे तक मुर्गा, मटन बेचते है, उसके बाद माइक लेकर अधिकारियों को चमकाने व पैसे मांगने का धौस दिखाते है। देखने व सुनने वाली बात यह है कि, एक पत्रकार जो कि 5-6 चैंनलों को बदल चुका है, जो कि राष्ट्रीय चैंनलों के संचालकों को यह सोचना चाहिए कि, चेंनल कोई भी छोटो या बड़ा नहीं होता। व्यक्ति के विचार छोटे होते है कोई जमाना था कि, रविश कुमार के नाम से चेंनल में तुती बजती थी, आज कोई भी चेंनल प्राईवेट हो या शासकीय या अर्द्धशासकीय भी व्यापार के निशाने पर आ चुके है। ऐसे भी कुछ लोग पाये जा सकते है जो चेंनलों को कपड़े की तरह बदल रहे है। देखते ही देखते 50 करोड़ के आदमी हो चुके है। अधिकारियों को धौस दिखाकर अपने जीजा का वन विभाग में संविदा के आधार पर लगा दिये है जीजा श्री ने विभाग को इतना बड़ा चुना लगाया कि, अपने पत्नी के खाते पर शासन का पैसा लाखों ट्रांसफर कर लिया है और पिता एक विभाग का ई बनकर फर्जी ढंग से ई बनाकर अधिकारियों के उपर रूबाव गाठे पड़ा है। जानकार सूत्र बताते है कि, जल संसाधन विभाग में 70-80 लाख के बिल लेगे हुए है कुछ निकाल लिया गया है। उसी धौस में अपने भाई को भी वन विभाग में पदस्थ करा लिया गया है। जो कि अनभीग्य न ओपरेटर के मामले में न ही ए और बी नहीं जानता इसी प्रकार एक व्यक्ति अपने पति और अपनी लड़की को फर्जी ढंग से रोजगार भत्ते का पटवारी द्वारा आय प्रमाण पत्र का पटवारी ने प्रमिशन दे दिया। कुछ लोग पत्रकारता की धौस में शासन के विभाग में अपनी धौस देकर चार चक्का वाहन बना लिये है। और एक ही व्यक्ति पत्रकारता के धौस में चार-चार लाभ उठा रहे है। भारत के संविधान में लाभ का पद एक ही रख सकता है पर यहां तो पत्रकारता के धौस देकर चार-चार लाभ उठा रहे है जैसे- एक स्नातक विद्यालय है पदाधिकारी मालूम नहीं पड़ता है कि, उस विद्यालय में किस पद पर है पर करिश्मा उसका एक ऐसा देखने को मिल रहा है जो कि मीडिया का माइक लेकर खड़ा हुआ है । कुछ लोग विद्यालय का संचालक बनाकर संचालक चला रहे है एवं पत्रकारता के नाम पर वसूली भी कर रहे है। और ऐसे कुछ संगठनों को संरक्षण देकर रखा हुआ है। संरक्षण इसलिए रखा हुआ है कि, अधिकारियों को धमकी देकर पैसा निकालने में आसानी होती है। यह सब संगठन सोसायटी एक्ट के अन्तर्गत एक मजदूर रिक्शा वाला जिसको कुछ लोग समूह के रूप में लाभ ले रहे है। भीड़ देखकर आई.एस. और आई.पी.एस. भी भ्रमीत हो जाते है। क्या कलेक्टर महोदय ऐसे लोगों पर ध्यान देंगे या पद पर समय पास कर रहे है। आगे भी समाचार में ऐसे ही फोटो और प्रकाशित किये जायेगें ।
पत्रकार हैं या किसी स्नातक विद्यालय का बाबु ?………
छत्तीसगढ़ में नई पीढ़ी के पत्रकारों की संख्या बढ़ती जा रही है। नई-नई पीढ़ी के नई-नई करिश्मा देखने को मिलता है।