Home अपराध धान खरीदी केन्दों पर किसानों के साथ हेरा-फेरी …..

धान खरीदी केन्दों पर किसानों के साथ हेरा-फेरी …..

बैकुण्ठपुर जामपारा धान खरीदी केन्द्र में प्रभारी जो कि विवादों की सुर्खियों में रहने वाले आज भी विवादों में तरह-तरह के विवाद चल रहे है।

58
0

बैकुण्ठपुर जामपारा धान खरीदी केन्द्र में प्रभारी जो कि विवादों की सुर्खियों में रहने वाले आज भी विवादों में तरह-तरह के विवाद चल रहे है। धान खरीदी प्रभारी मौके पर रहते नहीं है और मौके पर जाये तो ऐसे दरजनों दलाल बैठाये हुए है, जिनका काम वसूली का रहता है, अब अच्छा जोड़ी मिला है ऑपरेटर का भी जो कि शुरू से विवाद में रहा है बिना पैसे लिए टोकन एवं कोई भी कागजात का काम नहीं करता। धान प्रभारी पहुंचा हुआ व्यक्ति है जहां चाहता है अपने समाज वालों को धान खरीदी केन्द्र में सेट कर देता है। धान प्रभारी केन्द्र का कहना है कि, मेरे खिलाफ में कितनी भी शिकायत हो मेरे को कोई परवाह नहीं है क्यों मेरे पास में पहुंच बहुत ऊची है। पूर्व में एक नेताओं के फोटो पर धान खरीदा गया था जिसमें पूर्व विधायक का दबाव होने के बावजूद भी बच निकला, किसी को भी धान प्रभारी केन्द्र में बात करने से ऐसे मालूम पड़ता है जैसे की विवाद की स्थिति में है। जानकार सूत्र बताते है कि, बोरा में 42 किलो 500 ग्राम लिया जा रहा है बोरा का भी किसानों से पैसा लिया जा रहा है धान पलटी तौलने के लिए, वजन करने के लिए व धान पलटने के लिए धान चढ़ाने के लिए पूरा पैसा किसानों से लिया जा रहा है, पर देखने को मिलता है खाद्य अधिकारी, तहसीलदार, एस.डी.एम. महोदय के देख-रेख में भी लाखों रूपये का हेरा-फेरी हो रहा है। सोचने वाली बात है कि, 2 ब्लॉक का जिला है उसको भी जिला प्रशासन को देखने में प्रॉब्लम है जो पूर्व में गिरजापुर में धान खरीदी केन्द्र में प्रभारी रहे उनके द्वारा भी करोड़ो रूपये का हेरा-फेरी किया गया जिसका मामला हाई कोर्ट में विचाराधीन है, उसके बावजूद भी जो फसे हुए थे उनके द्वारा नई-नई कार खरीदी गई है। जब धान खरीदी प्रभारी को 2-3 महीने के अन्दर करोड़ो रूपये कमा रहे है और पत्रकारों व प्रशासन के अधिकारी को पैसा बांटने के बावजूद भी करोड़ो रूपये अंदर किया जाता है। सोचने वाली बात है कि, प्रशासन के उपर दबाव किस बात का, धान खरीदी केन्द्रों में 2-3 केन्द्रो का स्थानान्तरण क्यों हुआ? क्या कोरिया प्रशासन ऐसे चापलूसो को कब तब पनाह देती रहेगी। और शाम के समय दारू, मुर्गा और अण्डा चलता है। कुछ ऐसे भी पत्रकार है जो कि विद्यालय चलाते है और विद्यालय में बाबू भी हैं।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here