भोपाल। मध्य प्रदेश की शिवराज सरकार लगातार कर्ज ले रही है. 1 मार्च को बजट से पहले 30 दिन में 5वीं बार कर्ज लेने जा रही है. मप्र सरकार 28 फरवरी को 3 हज़ार करोड़ रुपये का कर्ज लेगी. 20 साल के लिए आईबीआई के माध्यम से ऋण लिया जा रहा है. 1 मार्च 2043 तक ऋण चुकाना होगा.
जानकारी के मुताबिक विकास परियोजनाओं और वित्तीय गतिविधियों को बढ़ावा देने के उद्देश्य से 3 हज़ार करोड़ का कर्ज सरकार ले रही है. पिछले 30 दिनों में 5वीं बार सरकार कर्जा ले चुकी है. इस साल एक महीने में ही 14 हजार करोड़ का कर्जा ले चुकी है.
साल 2022-23 में 14 हजार करोड़ का शिवराज सरकार ने लोन लिया था. साल 2022 में मध्यप्रदेश सरकार को 57 हजार करोड़ का वित्तीय घाटा हुआ है. तीन लाख 10 हजार करोड़ से ज्यादा का सरकार कर्ज ले चुकी है. हर साल 50 हजार करोड़ रुपए देने पड़ रहे हैं.
मप्र सरकार ने पिछले साल 14 हजार करोड़ का कर्जा लिया था, लेकिन इस बार कुछ महीने के अंदर ही 14 हजार करोड़ ले लिया है. क्योंकि विकास कार्य करना है और जेब खाली है. इसलिए विकास ने नाम पर कर्ज पर कर्ज लिए जा रहे हैं. ऐसे में 50 हजार प्रति व्यक्ति को सरकार ने कर्जदार बना दिया है.