मध्यप्रदेश के सीहोर जिले में रुद्राक्ष महोत्सव में श्रद्धालुओं भारी भीड़, मचे हा-हाकार और अव्यवस्था को देखते हुए बड़ा फैसला लिया गया है। पंडित प्रदीप मिश्रा ने अब रुद्राक्ष वितरण रोकने के निर्देश दिए है। वहीं कथा और महोत्सव 22 फरवरी तक जारी रहेगा।
फिलहाल अव्यवस्थाओं को देखते हुए रुद्राक्ष वितरण पर रोक लगा दिया है। भारी भीड़ और अव्यवस्था के चलते कल कई लोग लापता हो गए थे। परिजनों से बिछड़ गए थे। वहां पर पेयजल और भोजन की पर्याप्त व्यवस्था नहीं थी जिससे लोगों को भूखे-प्यासे रहना पड़ा था। वहीं एक महिला की मौत हो गई थी। कार्यक्रम स्थल पहुंचने के पहले नेशनल हाईवे पर लंबा जाम लग गया था। कुल मिलाकर लोगों को खासी परेशानियों का सामना करना पड़ा था। अव्यवस्था के चलते रुद्राक्ष वितरण कल से ही बंद कर दिया गया है।
जानकारी के अनुसार गुरुवार को सीहोर जिले के ग्राम चितावलिया हेमा में रुद्राक्ष महोत्सव और शिवमहापुराण कथा सुनने के लिए लगभग 10 लाख लोग आ गए थे। सुबह सात बजे से देर रात तक हाइवे पर श्रद्धालुओं की भीड़, वाहनों की कतारें जाम का कारण बन गईं। इस दौरान पूर्व घोषित कार्यक्रम के बाद भी जिला प्रशासन द्वारा की गईं सारी व्यवस्थाएं घुटने टेकती नजर आईं। लोग रुद्राक्ष लेने के लिए घंटों कतार में खड़े रहे। वहीं बड़ी संख्या में लोगों ने शिवमहापुराण कथा भी सुनीं। बच्चे, बुजुर्ग और युवा अपने-अपने साधनों और ट्रेनों से सीहोर आए और सबकी मंजिल कुबेरेश्वरधाम रही। देखते ही देखते चौपाल सागर से कुबेरेश्वरधाम तक जाम की स्थिति निर्मित हो गई। इस दौरान ट्राफिक को कंट्रोल करने में लगी पुलिस और प्रशासन का अमला पूरी तरह असहाय नजर आया। सडकों पर वाहनों से ज्यादा पैदल ही लोग कुबेरेश्वरधाम पहुंच रहे थे।
सबसे दुर्भाग्यपूर्ण पहलु यह है कि पिछले साल रुद्राक्ष महोत्सव में भारी भीड़ आने के बाद हाइवे जाम हुआ था और रुद्राक्ष महोत्सव स्थगित हो गया था। पिछली बार की अव्यवस्थाओं से प्रशासन ने कोई सबक लेना और सावधानी बरतना उचित नहीं समझा। इस बार भी हाइवे पर भारी जाम के हालात रहे। लोग परेशान और घंटों जाम में फंसे रहे। पार्किंग स्थल पर भारी अव्यवस्था थी। जाम से लोगों की परेशानी का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि इस मार्ग से आ जा रहीं कई एम्बूलेंस भी जाम में फंस गईं। प्रशासन की कार्ययोजना और पूर्व में लिए गए तैयारियों के जायजे पर प्रश्नचिंह खड़ा करता है। प्रशासन ने व्यवस्था बनाने के लिए सावधानी क्यों नहीं बरती।
कुबेरेश्वर धाम के आसपास लोग पीने के पानी के लिए भी तरसते रहे। जिन लोगों को रुद्राक्ष नहीं मिला वे रुद्राक्ष मिलने की आस में अभी भी रुके हुए हैं। रुद्राक्ष वितरण स्थल पर सबसे ज्यादा अव्यवस्थाएं देखी गई। जहां भारी भीड़ के कारण अनेक बेरीकेट्स टूट गए और तैनात पुलिस अमला भीड़ को नियंत्रित नहीं कर सका। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान का भी गुरुवार को दौरा प्रस्तावित था और जाम को देखते हुए कार्यक्रम निरस्त हो गया।
सीहोर जिला मुख्यालय के नजदीकी ग्राम चितावलिया हेमा में इतने बड़े धार्मिक आयोजन के लिए अनेक संगठनों के लोग स्वेच्छा से सेवाएं देर रहे थे। यातायात व्यवस्था बनाने की जिम्मेदारी प्रशासन की थी। प्रशासन पूरी तरह फैल हो गया।जाम में फंसे लोग व्यवस्था पर सवाल उठाकर प्रशासन को ही जिम्मेदार ठहरा रहे थे। अव्यवस्था के बाद भी प्रशासन ने अफसरों पर न तो जिम्मेदारी तय की न ही कर्तव्यपालन में लापरवाही बरतने वाले अधिकारियों पर कोई कार्रवाई की गई। देर रात लोग भटकते खेतों और सड़कों पर सोते नजर आए। महाराज को लेकर लोगों में गुस्सा नजर आया। उनका कहना था कि जब व्यवस्था नहीं थी तो बुलाया क्यों?