गिरजापुर धान खरीदी के्रन्द्र में फर्जीवाड़ा सोलह हजार दो सौ बारदानें जप्त बैकुण्ठपुर मुख्यालय में शासन की गाईड़ लाइन के अनुसार धान खरीदी नहीं हो रहीं है। समिति प्रबंधक फर्जीवाड़ा कर शासन-प्रशासन की मंशा पर पानी फेर रहें हैै।जिसमें किसानों में नाराजगी व्याप्त है। वहीं शासन को करोंड़ों का चूना लग रहा है। गत 01 नवम्बर से प्रारंभ धान खरीदी 31 जनवरी तक होगी। ताजा मामला जिले के गिरजापुर धान खरीदी केन्द्र है। जहां बडे पैमानें पर सिर्फ कागजों में फर्जी खरीदी की गई है। शिकायत मिलनें पर कलेक्टर कोरिया विनय लंगेह के निर्देंश पर तहसीलदार बैकुण्ठपुर एम एस राठिया के नेतृत्व में गिरजापुर धान खरीदी समिति में छापामार कार्यवाही की गई।
इस दौरान चार घरों से 16 हजार 2 सौ बारदानें जप्त किये गए। जिससे बड़े पैमानें पर गड़गड़ी होने की आशंका है। कार्यवाही के दौरान हल्का पटवारी गिरजापुर योगेश गुप्ता हल्का पटवारी संजय सूर्यवशी हल्का पटवारी रानु कर्रें हल्का पटवारी शकुन्तला सिंह कर टीम द्वारा गिरजापुर समिति के कर्मचारियों के अलग-अलग ठिकानों में छापामारी कार्यवाही की गई। काय कार्यवाही के दौरान उमेंश देवांगन के घन से 7000 बारदाना दिनेश कुशवाहा के घर से 2000 बारदाना ईश्वर साहू के घर से 7000 बारदाना व उमेश कुशवाहा के घर से 200 बारदाना मिला। अभी तक टीम द्वारा कुल 16200 बारदाना जप्त किया गया। कार्यवाही के बाद तहसीलदार बैकुण्ठपुर एमएस राठिया द्वारा पंचनामा व प्रतिवेदन अगली कार्यवाही के लिये भेजा गया हैं।
बताया जाता है कि मिलर को धान के बदले 1700रू प्रति क्विंटल भुगतान कर डीओ मैनेज किया गया है। समिति में बारदानें का स्टाक बराबर करनें के लिये व फर्जी खरीदी करनें हेतु लगभग 16 हजार बारदाना समिति के कर्मचारियों के घर रखा गया था। जिसकी शिकायत मिलनें पर कलेक्टर कोरिया के निर्देश पर बैकुण्ठपुर के तहसीलदार मनहरन सिंह राठिया गिरजापुर जांच हेतु पहुंचे थे। पूर्व में भी गिरजापुर समिति की शिकायत कलेक्टर कोरिया से की गई थी। वह मामला अभी तक दबा हुआ है। गत 25 नवम्बर को भी निरीक्षण के दौरान टोकन में गड़बड़ी पाये जाने पर गिरजापुर समिति पहुंचे कलेक्टर विनय लंगेह ने जांच व कार्यवाही के निर्देंश दिए थे। शनिवार 28 जनवरी को कलेक्टर कोरिया के निर्देंश पर गिरजापुर पहुंचे तहसीलदार मनहरन सिंह राठिया नें 4 घरों में मारा छापा। जहां से अब तक लगभग 16 हजार 2 सौ बारदानें बरामद किए गये है। यदि इन्हें जोड़े तो धान खरीदी में शासन-प्रशासन को लगभग ड़ेढ करोड़ रू का चूना लगाया गया है।
कलेक्टर कोरिया विनय लंगेह व राजस्व अधिकारियों द्वारा लगातार जिले की धान खरीदी केंन्द्रों का निरीक्षण किया जा रहा हैं। इसके बावजूद जिलें में शासन की गाईड़ लाइन के अनुसार धान खरीदी नहीं हो पा रही है। समिति प्रबंधक शासन-प्रशासन की मंशा पर पानी फेर रहे है। फर्जी धान खरीदी के साथ टोकन व तौल से लेकर हमाली तक समिति प्रबंधकों द्वारा मनमानी की जा रही है। पूर्व में सलका धान खरीदी केन्द्र में भी आपरेटर ने फर्जीवड़ धान में हेरा-फेरी किया था। उसी आपरेटर का स्थानातरण गिरजापुर में किया गया है वहां भी आपरेटर द्वारा टोकन काटनें में भारी भरकम किसानों से पैसा लिया गया ये सुत्र बताते है।किसानों से हमाली का भी कार्य कराया जा रहा है। समिति में नियुक्त खरीदी प्रभारी नियमों को ताक पर रखकर किसानों का शोषण करनें लगते है। जबकि किसानों को किसी भी प्रकार परेशानी न हो इसकी पूर्ण व्यवस्था की है और नियम भी निकालें गये है। छ0 ग0 में गत 01 नवम्बर से धान खरीदी प्रारंभ की गई थीं। जो कि 31 जनवरी तक चलेगी।