जिला-सुरजपुर के वन मंडलाधिकारी की छत्र छाया में भ्रष्टाचार का वट वृक्ष बनकर फल फुल रहा है, वन मंडलाधिकारी ईमानदारी की लम्बी लम्बी बात करने वाले जो की पुर्व में सुरजपुर में उप मंडलाधिकारी रह चुके हैं, उनका पुराना कार्यकाल भी भ्रष्टाचारी में चर्चा का विषय बन चुका है, उनके द्वारा छत्तीसगढ़ में कई बंगले खरीदनें की जानकारी प्राप्त हुई है, जब से वन मंडलाधिकारी पद पर प्रमोशन हुआ है तब से उनके द्वारा बिना कमीशन के कोई कार्य नहीं किया जाता, ऐसा बताया जाता है, जिसमें एस.डी.ओ से लेके रेंजर तक बिना कमीशन के कोई बिल पास नहीं करते जब की जानकार सुत्र बताते हैं की 20 प्रसेन्ट वन मंडलाधिकारी को कमीशन चाहीए और 20 प्रसेन्ट उप मंडलाधिकारी को कमीशन चाहीए तो सोंचने वाली बात यह है की 40 प्रसेन्ट कमीशन निकल गया तो काम कितने का होता होगा, इससे साफ-साफ पता चलता है की रेंजरों द्वारा फर्जी बिल लगाकर पैसा निकालवाया जाता है, सुत्रों द्वारा यह भी जानकारी प्राप्त होता है की, वन मंडलाधिकारी के परिवार में बीवी बच्चों के नाम छ.ग से लेके यू.पी तक करोड़ों की सम्पति है, यह सम्पति कहां से आया जाँच का विषय है।