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वाटर ट्रीटमेंट प्लांट के नवीनीकरण एसईसीएल की चोपड़ा कालोनी में, दो दशक पूर्व करीब दो करोड़ लागत अब एक बार फिर ट्रीटमेंट प्लांट का नवीनीकरण करने की तैयारी….

वाटर ट्रीटमेंट प्लांट के नवीनीकरण एसईसीएल की चोपड़ा कालोनी में, दो दशक पूर्व करीब दो करोड़ लागत अब एक बार फिर ट्रीटमेंट प्लांट का नवीनीकरण करने की तैयारी....

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बिश्रामपुर। एसईसीएल की चोपड़ा कालोनी में, दो दशक पूर्व करीब दो करोड़ लागत से निर्मित डोमेस्टिक इनफ्लुएंट ट्रीटमेंट प्लांट शुरू होते ही ध्वस्त हो गया था। अब एक बार फिर ट्रीटमेंट प्लांट का नवीनीकरण करने की तैयारी एसईसीएल प्रबंधन जोरशोर से की जा रही है। खंडहर में तब्दील प्लांट के नवीनीकरण के लिए प्रबंधन ने करीब दो करोड़ रुपये का प्रस्ताव तैयार कर स्वीकृति के लिए कंपनी मुख्यालय भेजा है। स्वीकृति की प्रक्रिया अंतिम चरण में है। दो दशक पूर्वनिर्मित ट्रीटमेंट प्लांट उपकरण से लेकर खिड़की दरवाजे तक चोरी हो चुके हैं।

ट्रीटमेंट प्लांट का नवीनीकरण

एसईसीएल की बिश्रामपुर स्थित श्रमिक कालोनियों के 23 आवासों समेत केंद्रीय चिकित्सालय, महाप्रबंधक कार्यालय एवं कंपनी के अन्य भवनों के शौचालयों के अपशिष्ट को पाइप लाइन के जरिए सीवरेज प्लांट ले जाकर उसका परिशोधन कर स्वच्छ जल को नदी नालों में छोड़ने के उद्देश्य से ही दो दशक पूर्व चोपड़ा कालोनी में डोमेस्टिक इंफ्लुएंट ट्रीटमेंट प्लांट प्रारंभ कराया गया था। एक करोड़ 91 लाख रुपये लागत से निर्मित किए गए डोमेस्टिक ट्रीटमेंट प्लांट का शुभारंभ साल 2000 में किया गया था। ट्रीटमेंट प्लांट के निर्माण कार्य का ठेका हैदराबाद आंध्रप्रदेश की कंपनी मेसर्स रामकी इंजीनियरिंग प्राइवेट लिमिटेड को दिया गया था। करीब दो करोड़ रुपये लागत से निर्मित उक्त ट्रीटमेंट प्लांट शुरूआती दौर से ही फ्लाप साबित हो गया था। दो करोड़ की राशि भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ जाने पर श्रमिक संगठनों ने इसकी कई बार शिकायत भी की थी। जांच में गड़बड़ी भी मिली थी, लेकिन कार्रवाई के बजाय मामले को फिर रद्दी की टोकरी में डाल दिया गया था।

प्रबंधकीय उदासीनता के कारण प्लांट खंडहर में तब्दील हो गया है। शुरुआती तीन चार माह के बाद से ही अनुपयोगी पड़े प्लांट से लाखों रुपये लागत के मशीनी कलपुर्जो के गायब होने के साथ ही खिड़की दरवाजे तक चोरी हो गए हैं। उसके बाद भी प्रबंधन को प्लांट से कोई सरोकार नहीं है।

कुमदा कालोनी में सीवरेज प्लांट तैयार

इधर क्षेत्र की कुमदा कालोनी में कंपनी के 11 सौ आवासी सहित कंपनी के अन्य भवन का अपशिष्ट लाइन के जरिए टीटमेंट प्लांट से जाकर उसका परिशोधन के स्वच्छ जल तैयार करने चार करोड़ से अधिक लागत से सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट बनकर तैयार हो गया है। इससका सोमवार को क्षेत्रीय महाप्रबंधक अमित सक्सेना ने विधिवत उद्घाटन भी कर दिया है। वही रेहर कालोनी में भी सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट का निर्माण कार्य जारी है।

इनका ये कहना है

खंडहर में तब्दील उक्त सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट के नवीनीकरण के लिए दो करोड़ रुपये का प्रस्ताव कंपनी मुख्यालय को भेजा गया है। इसकी स्वीकृति की प्रक्रिया अंतिम चरण में है। प्लांट के सुचारू रूप से संचालन की भी व्यवस्था का प्रावधान किया गया है।

एस थंगराज, स्टाफ आफिसर सिविल, एसईसीएल बिश्रामपुर क्षेत्र

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