सोशल मीडिया में चल रही है आॅनलाइन वोटिंग
श्रीराम के जन्म भुमी आयोध्या में जहाँ राम जी का जन्म हुआ था, जो की सभी लोग जानते हैं की वहाँ पुर्व में राम मंदिर ही था, जिसे बाबर तानाशाह के शासन काल में गुमज लगाई गई थी, जिसमें तानाशाह के द्वारा मंदिर को ही मस्जिद घोंषित कर दिया गया था, जबकी इस्लाम धर्म का कहना है, की जहाँ खुन खराबा हो जाता है वहाँ अजान कबुल नहीं होता, तो फिर वहाँ पुर्व में जब हिन्दुओं द्वारा गुमज तोड़ा गया तो कितने खुन खराबा हुए थे, तो मस्जिद वहीं बनाने की जिद क्यों? जबकी इतनी जमीन खाली पड़ी हुई है कहीं भी बनाया जा सकता है, इससे साबित होता है की मुस्लिम समुदाय के लोग हिन्दुओं का दमन करना चाहते हैं, मुस्लिम समुदाय को तो रसखान को देखकर सीखना चाहिए की वे कितने बड़े भगवान कृष्ण के भक्त थे, और भी मुस्लिमों को देखकर सीखना चाहिए जो रामायण, हनुमान चालीसा पढ़ते हैं, जो लोग अपने जिद पर अड़े हुए हैं वे मुसलमान कहने लायक नहीं, एक चरीतार्थ है की, हिन्दु मुस्लिम सिख ईसाई सब एक हैं भाई भाई, उस चरीतार्थ का अपमान किया जा रहा है, कुछ लोग अपने स्वार्थ के रोटियां सेंक रहे हैं वह बिल्कुल गलत है, क्योंकि राम का मन्दिर पहले था और बाबर बाद में आया था, इसलीए राम मंदिर ही बनना चाहीए, आॅनलाईन वोटींग के हिसाब से भारत का संविधान बताता है की, वोटिंग में जिसका एक व्यक्ति की भी संख्या बढ़ती है तो उसी का बहुमत माना जाता है, क्योंकि हमारा हिन्दुस्तान, हिन्दुस्तान है तो राम के जन्म भुमी में राम मन्दिर ही बनना चाहिए, मुस्लिम लोगों को तो यही नहीं मालुम की बाबर कहाँ से आया उसका जन्म कहाँ हुआ और उसके माँ बाप का क्या नाम था, उसका पुरा रिकार्ड निकाला जाए तो पता चलेगा की बाबर ने आयोध्या में हिन्दु एवं हिन्दु धर्म का दमन किया था, जो की गलत है, हमारे हिन्दुस्तान के हिन्दुओें का कहना है की जब केन्द्र में भी भाजपा और राज्य में भी भाजपा जो की भगवाधारी मुख्यमंत्री हैं वे प्रयागराज हाई कोर्ट का आदेश को मानते हुए राम मन्दिर का निर्माण होना अति आवश्यक है, जैसे मथुरा में कृष्ण जन्म भुमी के बगल से मस्जिद बनाई गई है वह हिन्दुओं के लिए एक चुनौती साबित हो रही है, हिन्दु अपना हिन्दुत्व दिखाते हुए अधिक से अधिक संख्या में आॅन लाईन वोटींग करे।
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