कोरिया 11 अक्टूबर 2021/ विकासखण्ड सोनहत के ग्राम लब्जी के रहने वाली कुसुम राजवाड़े अपने पति हरिश्चंद के साथ टमाटर की खेती का काम कर रही हैं। उन्होंने चालू वर्ष के जून महीने में टमाटर की खेती काम शुरू किया। सितम्बर के आखिरी हफ्ते में उन्होंने टमाटर की पहली खेप निकाली। पहली ही बार मे उन्हें 10 हज़ार तक की आमदनी हुई। लब्जी में ही डेढ़ एकड़ की भूमि पर राजवाड़े दंपत्ति टमाटर का उत्पादन कर रहे हैं। और उनका अनुमान है कि 2 से 2.50 लाख तक बिक्री हो सकती है। जिसमें फसल उत्पादन में लगाई राशि के बाद उन्हें 1 से 1.50 लाख रुपये तक का फायदा होगा।
कुसुम बताती हैं कि बीते 1 साल से वे छत्तीसगढ़ राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन के अंतर्गत गंगा महिला स्वसहायता समूह से जुड़ी हैं। वे 3-4 साल से टमाटर उगाने के काम कर रहे हैं। बीते साल फसल से ज्यादा लाभ नहीं हुआ। इस साल फिर जब टमाटर लगाने का सोचा तो पूंजी कुछ कम पड़ी जिसके लिए समूह से सीआईएफ से 13 हज़ार रुपये की मदद मिली। और इस राशि का उपयोग कर खेती का काम शुरू किया।
दोनों बताते हैं कि 22 सितम्बर को पहली खेप बेची। और 10 अक्टूबर तक की स्थिति में 32 क्विंटल टमाटर बेचकर 78 हज़ार रुपये से ज्यादा की कमाई कर चुके हैं। वे बताते हैं कि उन्होंने टमाटर की खेती करने में गांव में स्वसहायता समूहों द्वारा बनाये गए निमास्त्र और घनजीवामृत जैसे जैविक कीटनाशकों का ही उपयोग किया है और ये बेहद कारगर भी हैं।
✍ बरसात में लगाई टमाटर की फसल, अब पैसों की हो रही बरसात……..
कुसुम और हरिश्चंद ने मिलकर टमाटर की खेती से 2 हफ्ते में कमाए लगभग 80 हज़ार रुपये, खेती शुरू करने में स्वसहायता समूह ने की मदद, जैविक खाद और निमास्त्र, घनजीवामृत जैसे जैविक कीटनाशक का उपयोग