यूपी सरकार की ओर से स्टेटस रिपोर्ट पेश की जिस पर चीफ जस्टिस की अध्यक्षता वाली पीठ ने असंतोष जताया। आज की सुनवाई में केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा के बेटे आशीष मिश्रा का नाम लिया गया। उत्तर प्रदेश सरकार की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता हरीश साल्वे ने सुप्रीम कोर्ट को बताया कि एक युवक (आशीष मिश्रा) को निशाना बनाया जा रहा है, उसे नोटिस दिया गया है और वह कल सुबह 11 बजे पेश होगा। वह पेश नहीं होता है तो कानून की सख्ती का सहारा लिया जाएगा। इस पर कोर्ट ने कहा, आरोप गंभीर हैं। क्या आम आदमी होता तो भी पुलिस का रवैया ऐसा ही होता। जो अधिकारी काम नहीं कर रहे हैं, उन्हें हटाईये। छुट्टी के बाद (20 अक्टूबर) इस केस पर प्राथमिकता से सुनवाई होगी। तब तक यूपी पुलिस तेजी से करे कार्रवाई। हमें सोचना होगा कि क्या मामले की जांच किसी अन्य एजेंसी को सौंपी जाए।’ इससे पहले गुरुवार को चीफ जस्टिस की अध्यक्षता वाली पीठ ने यूपी सरकार से पूछा था कि मामले में अब तक किन-किन लोगों को आरोपी बनाया गया गया है और किनको गिरफ्तार किया गया ।
लखीमपुर खीरी कांड में पुलिस ने केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा टेनी के बेटे आशीष मिश्रा को समन जारी किया है। आशीष से पूछताछ की जाएगी। पुलिस से मिली जानकारी के मुताबिक, वारदात से समय मौके पर मौजूद दो लोगों को गिरफ्तार किया है। आशीष के खिलाफ सोमवार को प्राथमिकी दर्ज की गई थी। पुलिस ने केंद्रीय मंत्री के घर के बाहर नोटिस चस्पा कर उनके बेटे को पूछताछ के लिए तलब किया है। विपक्ष लगातार मांग कर रहा है कि पूरी घटना के लिए अजय मिश्रा टेनी और उनका बेटा आशीष जिम्मेदार हैं। मांग की जा रही है कि अजय मिश्रा मंत्री पद से इस्तीफा दें और आशीष के खिलाफ केस दर्ज किया जाए। इस बीच, गिरफ्तार किए गए दो लोगों की पहचान लव कुश और आशीष पांडे के रूप में हुई है। पुलिस का कहना है कि दोनों उस वाहन में सवार थे, जो पत्रकार और किसानों के ऊपर चढ़ गया था। इनके पास से दो कारतूस भी बरामद किए गए हैं। यूपी पुलिस की आठ सदस्यीय टीम लखीमपुर खीरी हिंसा की जांच करेगी।