नरसिंहपुर, 07 अक्टूबर 2021. मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने गुरूवार को मिटों हॉल भोपाल में “मुख्यमंत्री कोविड बाल सेवा योजना” के बाल हितग्राहियों को राशि का वितरण किया। उन्होंने भोपाल, सीहोर और रायसेन के चार नए बाल हितग्राहियों को मंच पर स्वीकृति पत्र दिया और 16 बच्चों से भेंट की। कार्यक्रम में 282 नव पात्र बाल हितग्राहियों को 5 हजार प्रति माह हितग्राही के मान से 14.10 लाख रूपये की राशि उनके खाते में अंतरित की गई। अब तक मुख्यमंत्री कोविड बाल सेवा योजना में प्रदेश के 1360 अनाथ बच्चों को लाभान्वित किया गया है।
नरसिंहपुर में कलेक्टर ने वितरित की खाद्यान्न पर्ची
इस राज्य स्तरीय कार्यक्रम का सीधा प्रसारण नरसिंहपुर के एनआईसी कक्ष में किया गया। कलेक्टर श्री रोहित सिंह ने कोविड- 19 से माता- पिता/ अभिभावक की मृत्यु के कारण अनाथ हुये जिले के बच्चों के लिये खाद्यान्न पर्ची का वितरण किया। बच्चों की शिक्षा, आर्थिक सहायता तथा खाद्य सुरक्षा के लिये संचालित मुख्यमंत्री कोविड- 19 बाल सेवा योजना में एक मार्च 2021 से 30 जून 2021 तक की अवधि में माता- पिता/ अभिभावक को खोने वाले बच्चों को प्रकरण लिये जाते हैं। इस योजना में जिले में 13 आवेदन स्वीकृत किये गये। पात्र बच्चों को कलेक्टर ने खाद्यान्न पर्ची वितरित की।
इस मौके पर पुलिस अधीक्षक श्री विपुल श्रीवास्तव, सीईओ जिला पंचायत डॉ. सौरभ संजय सोनवणे, अपर कलेक्टर श्री मनोज ठाकुर, श्री भगवान सिंह पटैल, जिला आपूर्ति अधिकारी, जिला कार्यक्रम अधिकारी महिला एवं बाल विकास, अन्य अधिकारी मौजूद थे।
उल्लेखनीय है कि कोविड-19 के दौरान अनेक बच्चे उनके माता-पिता की मृत्यु के कारण अनाथ हो गए है। अधिकांश स्थितियों में उनकी देखरेख और संरक्षण के लिए कोई भी सहायता उपलब्ध नहीं थी और सगे संबंधी भी आर्थिक कठिनाईयों के कारण ऐसे बच्चों के भरण पोषण के लिए तैयार नहीं थे। ऐसे में मुख्यमंत्री श्री चौहान ने संवेदनशीलता के साथ इन बच्चों की जिम्मेदारी लेने का निर्णय लिया। देश में पहली बार कोविड-19 महामारी से अनाथ हुए बच्चों की सहायता के लिए अग्रणी पहल करते हुए “मुख्यमंत्री कोविड-19 बाल सेवा योजना” प्रारंभ की गई। राज्य शासन द्वारा ऐसे बच्चों की आर्थिक सहायता के अतिरिक्त उनकी नि:शुल्क शिक्षा और राशन की व्यवस्था का प्रावधान भी किया गया है।
प्रदेश में कोविड के कारण माता-पिता की मृत्यु होने पर विषम परिस्थितियों में आए लगभग 2022 बच्चे जो इस योजना के तहत पात्र नहीं है, को प्रदेश में स्पॉन्सरशिप योजना के तहत लाभान्वित किया जा रहा है। साथ ही प्रदेश में निजी स्पॉन्सरशिप के तहत भी लगभग 709 बच्चों को लाभान्वित किया गया है।