कोरोना वायरस संक्रमण की स्थिति नियंत्रण में आने के बाद जनजीवन धीरे-धीरे सामान्य हो रहा है। ऐसे में अब साईं भक्तों का इंतजार भी खत्म होने वाला है और वे 7 अक्टूबर से महाराष्ट्र के विश्व प्रसिद्ध शिरडी साईं मंदिर के दर्शन कर सकेंगे। शिरडी साईं मंदिर जाने की तैयारी कर रहे श्रद्धालुओं के लिए यह काम की खबर है। नवरात्र के पहले दिन लोग साईं बाबा के दर्शन भी कर सकेंगे। साईं बाबा मंदिर ट्रस्ट की ओर से दी गई जानकारी के मुताबिक सात अक्टूबर से श्रद्धालुओं को कुछ नियमों के साथ साईं मंदिर में सीधा प्रवेश मिलेगा। महाराष्ट्र में शिरडी साईं मंदिर 7 अक्टूबर से भक्तों के लिए फिर से खुल जाएगा। जो लोग शिरडी साईं मंदिर के दर्शन करना चाहते हैं, वे नवरात्रि के पहले दिन आशीर्वाद ले सकेंगे। हालांकि, श्री साईंबाबा संस्थान ट्रस्ट ने भक्तों से साईं मंदिर में सीधे प्रवेश पाने के लिए कुछ नियमों का पालन करने के लिए कहा है। यह आदेश महाराष्ट्र सरकार द्वारा 24 सितंबर को राज्य के सभी धार्मिक स्थलों को 7 अक्टूबर से फिर से खोलने की घोषणा के कुछ हफ्तों बाद सामने आया है। शिरडी में प्रसिद्ध साईंबाबा मंदिर महाराष्ट्र के धार्मिक स्थलों में से एक था, जो इस साल अप्रैल में कोरोना महामारी की दूसरी लहर को देखते हुए बंद कर दिया गया ।
रोजाना 15 हजार श्रद्धालुओं को प्रवेश मिलेगा। 7 अक्टूबर से मंदिर प्रशासन भक्तों के लिए 5,000 पेड पास, 5,000 ऑनलाइन और 5,000 ऑफलाइन पास की सुविधा प्रदान करेगा। हर घंटे 1,150 श्रद्धालु साईं मंदिर में प्रवेश कर सकेंगे। आरती में सिर्फ 90 श्रद्धालुओं को ही एंट्री दी जाएगी। श्रद्धालुओं को मास्क पहनना अनिवार्य होगा। मंदिर में प्रवेश द्वार संख्या 2 से आने के साथ ही संख्या 4 और 5 से बाहर निकलने की सुविधा दी गई है। मंदिर के कुछ कमरे बंद हैं और कुछ खुले रहेंगे। इनमें ध्यान मंदिर और परायण कक्ष बंद रहेंगे। इसके साथ ही साईं मंदिर के दर्शन, ठहरने की व्यवस्था, भोजनालय, ऑनलाइन-ऑफलाइन प्रणाली और मंदिर के दैनिक कार्यक्रम जारी रहेंगे। गर्भवती महिलाओं, 10 साल से कम उम्र के बच्चों और 65 साल से ऊपर के लोगों को मंदिर में प्रवेश की अनुमति नहीं है। पिछले वर्ष 2020 में कोरोना वायरस महामारी के बाद शिरडी स्थित साईं बाबा मंदिर को 17 मार्च, 2020 को बंद कर दिया गया था और फिर लगभग नौ महीने तक बंद रहने के बाद 16 नवंबर, 2020 को इसे फिर से खोल दिया गया था। उसके बाद दिन भर में रोजाना 6,000 श्रद्धालु दर्शन करते थे और बाद में यह संख्या करीब 14,000 से 20,000 तक पहुंच गई। महाराष्ट्र में एक बार फिर कोरोना मामले बढ़ने के बाद साईं मंदिर को 5 अप्रैल को फिर से बंद कर दिया गया था।