जिला कोरिया मुख्यालय बैकुन्ठपुर में वशिष्ठ टाइम्स के संपादक को धरना स्थल पर धरना दिए हुए दो दिन व भूखहड़ताल पर बैठे आज पांच दिन बीत चुके पर कोरिया प्रशासन बेसूध।
किसके दवाब में कोरिया प्रशासन ?
एैसा प्रतीत होता है कि कोरिया प्रशासन भी भ्रष्टाचारियों का पूरा सहयोग कर सच्चाई को न देखकर भ्रष्ट व अपराधिक किस्म के लोगों का साथ दे रही है। आशीष डबरे व उसका चाचा प्रभाकर डबरे ने जैसा अभी तक किया है जितने भी अपराधिक काम किए है। इनकी जगह कोई और होता तो उस पर दो चार और केस लाद दिया जाता पर ये अपराधिक व गुंडे किस्म के लोग आज सत्ता के दवाब वश बचे हुए है। सोचने वाली बात है कि कोरिया प्रशासन किसके दवाब में ? आशीष डबरे द्वारा इतने अपराधिक कारनामें करने के बावजूद आज तक इस पर कोई केस पंजीकृत क्यों नही कर पा रही है ??