जबलपुर। जबलपुर रेल मंडल के इंजीनियरिंग विभाग के मेंटेनेंस के नाम पर करोड़ों खर्च किए, बावजूद इसके रेल दुर्घटनाओं को नहीं रोका जा सका है। रेलवे के मुताबिक घटना की मुख्य वजह होम सिग्नल से लूप लाइन में आते वक्त मुख्य पाइंट पर किसी अज्ञात व्यक्ति ने लोहे का टुकड़ा रख दिया था, जिससे कोच के पहिए पटरी से उतरे। हालांकि मामले की विस्तृत जांच के आदेश दे दिए गए हैं।
दरअसल बुधवार रात पैसेंजर ट्रेन के कोच पटरी से उतरने के बाद जबलपुर रेल मंडल से लेकर पमरे जोन और रेलवे बोर्ड तक हड़कंप मच गया। आनन-फानन में जबलपुर से क्रेन और राहत रिलीफ ट्रेन भेजी गई। रात तकरीबन एक बजे रेल यातायात को बहाल किया गया। दरअसल पैसेंजर ट्रेन के पटरी से उतरने के बाद इटारसी से जबलपुर की ओर आ रही ट्रेनों को जहां के तहां रोक दिया गया। क्रेन की मदद से कोच को उठाकर ट्रैक पर लगाया गया। गौरतलब है कि बुधवार की रात करीब साढ़े 8 बजे के बाद जैसे ही ट्रेन बोहानी स्टेशन से आगे बढ़ी तो एक बोगी के कुछ पहिये पटरी से उतर गए, जिससे ड्राइवर जयसिंग प्रकाश ने ट्रेन रोक दी। गार्ड आरके ताम्रकार ने स्थिति देखी फिर वरिष्ठ अधिकारियों को सूचना दी।
पश्चिम मध्य रेलवे के जबलपुर रेल मंडल में घटना की जानकारी लगते ही हड़कंप मच गया। जबलपुर में खतरे के 5 सायरन बजाये गए थे।
रेलवे अब यह जांच करने में जुटी है कि आखिर जिस टुकड़े को पटरी पर रखा गया, वह यहां कैसे आया। इस घटना के बाद पटरी की सुरक्षा करने वाले इंजीनियरिंग विभाग की कार्यशैली पर सवाल खड़े हो गए हैं। ट्रैकमेन और पाइंटमेन के ड्यूटी पर होने के बाद भी पटरी पर आखिर लोहे का टुकड़ा कैसे आया। हालांकि इंजीनियरिंग विभाग के अधिकारी अब अपनी गलती छुपाने में जुटे हैं।
होम सिग्नल से लूप लाइन में आने वाले पाइंट के पास ट्रैक पर किसी ने लोहे का टुकड़ा रख दिया, जिससे कोच पटरी से उतरे। इसकी विस्तृत जांच की जा रही है।