Home शिक्षा कड़ी चुनौतियों को जुनून से हराकर श्रीमती रनिया अब बन गई है...

कड़ी चुनौतियों को जुनून से हराकर श्रीमती रनिया अब बन गई है बैंक वाली दीदी

356
0

कड़ी चुनौतियों को जुनून से हराकर श्रीमती रनिया अब बन गई है बैंक वाली दीदी
बिहान की बीसी सखी बनकर गांवों में बैंकिंग करके कमा रही हैं हजारों रूपए
कोरिया 09 फरवरी 2021/ मेहनत और लगन से हर राह आसान हो जाती है। कार्य में आने वाली बाधाओं को पार कर अपने सफलता की राह बनाने वाली इसी तरह की एक जीवंत कहानी हैं श्रीमती रनिया। आज से दो वर्ष पहले एक सामान्य से किसान परिवार की बहू बनकर जीवन गुजारने वाली गृहणी श्रीमती रनिया अब आस-पास के गांवेां में बैंक वाली दीदी बन चुकी हैं। वनांचल सोनहत के ग्राम पंचायत पोंड़ी, सलगंवाकला और सोनहत सहित आस पास के गांवों में श्रमिकों को मनरेगा के मजदूरी भुगतान से लेकर वृद्धों को पेंषन देने की जिम्मेदारी के साथ ही उनका काम अब उनके स्थायी आजीविका का माध्यम बन गया है। बिहान के तहत दूरस्थ क्षेत्रों में सक्रिय महिलाओं को स्व सहायता समूहों में जोड़कर उन्हे प्रषिक्षित करने के बाद उस क्षेत्र के संबंधित बैंक से सेवा प्रदाता के रूप में नियुक्त किया जाता है। बीसी सखी के रूप में बीते दो वर्षों से तीन चार गांवों में बैंकिंग का कार्य करने वाली श्रीमती रनिया ने वित्तीय वर्ष 2018-19 से बीसी सखी के रूप में कार्य करना षुरू किया। अब वह प्रतिमाह 10 से 12 हजार रूपए कमा रही हैं।
श्रीमती रनिया का यहां तक पहुंचने का सफर आसान नहीं था। लेकिन उन्हे कुछ करने की ललक ने राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिषन बिहान के तहत समूह में जोड़ लिया। उन्होने बिहान के माध्यम से आरसेटी में अपना आवासीय प्रषिक्षण पूरा किया। प्रषिक्षण के बाद राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिषन बिहान के माध्यम से उन्हे बैंकिंग करस्पांडेंट बनने के लिए आईडी प्राप्त हुई। इसके बाद उन्होने बीसीसखी का काम प्रारंभ किया।
श्रीमती रनिया कहती हैं कि असली समस्या तो काम प्रारंभ करने के बाद षुरू हुई। महिला होने के कारण दूर दूर जाना और फिर ग्रामीणों में विष्वास जगाना और उनसे व्यवसाय करना कड़ी चुनौती थी। इसके लिए बिहान के टीम ने मदद की और उनके समूह के साथ ग्राम संगठन और क्लस्टर संगठन की टीम के सदस्यों ने गांवों में उनके प्रचार प्रसार और सहूलियत से बंैकिंग की सुविधा के बारे में आम जन को जागरूक किया। धीरे धीरे उनके कार्य से आम जन जुड़ने लगे और ग्रामीणों को षासन की योजनाओं जैसे प्रधानमंत्री आवास, बीमा सुरक्षा योजना ,किसान सम्मान निधि, गोधन न्याय योजना आदि से जुड़ने के लिए बैंक खाते खोलने, पेंषन का आहरण करने, मनरेगा के श्रमिकों को भुगतान पाने के लिए घर पहुंच सेवा मिलने लगी।
श्रीमती रनिया ने बताया कि वह प्रति माह लगभग 23 से 25 लाख रूपए का बैंकिंग लेन-देन अपने तीन चार गांवों में करने लगी हैं। इससे उन्हे प्रतिमाह कमीषन के रूप में 11 से 12 हजार रूपए का लाभ होने लगा है। आस पास की ग्राम पंचायतों में उन्होने ग्राम पंचायत के सरपंच और सचिव के माध्यम से अपने आने का दिन तय कर लिया है इससे उन्हे और आसानी होने लगी है। श्रीमती रनिया कहती हैं कि गरीब और दिव्यांगों की पेषन देने जैसे काम करके उनकी सेवा करने का आनंद ही अलग है। विदित हो कि कोरिया जिले में बिहान के माध्यम से दूरस्थ क्षेत्रों में सहज बैंकिंग की सुविधा प्रदान करने के लिए 40 से ज्यादा बीसीसखी नियुक्त की गई हैं। जो गांव में जाकर हितग्राहियों को आसान बैंकिंग के माध्यम से सुविधाएं प्रदान कर रही हैं।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here