घर का भेदी, लंका डाहे
जिला-कोरिया में काॅग्रेंस के ही जो स्वर्गीय कोरिया कुमार के नजदीकी माने जाने वाले भारतीय राष्ट्रीय काॅग्रेंस में सैंद लगाने में नहीं चुक रहे हैं, कुछ लोग स्वेक्षानुदान का लाभ उठा चुके हैं, वे लोग अपना मत स्वेक्षानुदान का भाजपा को देंगे या काॅग्रेंस को, देखना यह है की कोरिया जिले के अन्दर जिस प्रकार का रवइया काॅग्रेंस का देखा जा रहा है उस हिसाब से छ.ग को काॅग्रेंस का नुकसान उठाना पड़ सकता है, कहते हैं काॅग्रेंस कों काॅग्रेंस के ही लोग हरा सकते हैं, दुसरी पार्टी में शक्ति नहीं है, काॅग्रेंस एक जुट होकर चुनाव लड़ती हैं तो 90 सीटों में से 70 सीट काॅग्रेंस की आ सकती है, कुछ अशिक्षित लोगों को ज्ञान नहीं की एक विधानसभा से एक ही व्यक्ति को टिकट दिया जाता है तो एक जुट क्यों नही होते, कयास लगाया जाता है की लोग दुसरे को देखकर मन को बस में न करके वह लोग ही बगावत का रास्ता पकड़ लेते हैं, बगावत दो प्रकार से होती है, पहला. पार्टी को छोड़कर दुसरी पार्टी में जाना, दुसरा पार्टी में ही रहकर चुहे की तरह कुतरना, चाहे वह किसी भी पार्टी का हो ऐसे व्यक्ति नासुर की तरह जहरीले होते हैं, पार्टी ऐसे लोंगो पर ध्यान रखे और चुनाव के बाद ऐसे लोगो की छटनी करे, कुछ लोग व्हाट्सप्प, फेसबुक को ऐसे इस्तमाल कर रहें एवं व्यापार बना रहे हैं जैसे हमारे छ.ग में घसिया या बैंड बाजा का होता है, उसी प्रकार मिडिया का धज्जियां उड़ा रहे हैं, कोरिया जिले के प्रशासन को भ्रमित करके अपना काम बना रहें हैं, राजनीति में प्रत्याशियों से हजारों तादात में पैसा वसुल रहे हैं, जो की चुनाव आयोग द्वारा प्रत्याशी के इस पैसे खर्चे में जोड़ा जाएगा या नहीं।