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✍मुनगे के पाउडर से हो रही लाखों की आय…….

लोग मुनगे के लकड़ीनुमा फल का दाल-सब्जी में उपयोग करते हैं, पत्तियों का तो कोई उपयोग होता ही नहीं, जबकि इसके फल के साथ-साथ पत्तियों में भी बड़े औषधीय गुण

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रायपुर। मुनगा सिर्फ सब्जी ही नहीं है, बल्कि यह एक अत्यंत गुणकारी औषधि भी है। इसके फल और पत्तियां सेहत के लिए रामबाण हैं। प्रायः लोग मुनगे के लकड़ीनुमा फल का दाल-सब्जी में उपयोग करते हैं, पत्तियों का तो कोई उपयोग होता ही नहीं, जबकि इसके फल के साथ-साथ पत्तियों में भी बड़े औषधीय गुण हैं।

मीरा कन्नौजे को मुनगे के औषधीय गुणों ने प्रभावित किया और उन्होंने सोचा कि क्यों न मुनगे की खेती करके अपनी आय बढ़ाई जाए, जीवन स्तर सुधारा जाए और लोगों को कारगर दवा भी उपलब्ध कराई जाए। रायपुर के तिल्दा ब्लॉक के बिलाड़ी गांव की रहने वाली मीरा कन्नाौजे मुनगे की पत्तियों का पाउडर बनाकर सालाना दो से तीन लाख रुपये कमा रही हैं।

अब उन्होंने स्वसहायता समूह आस्था ग्राम संगठन बना लिया है। उनके साथ 10 महिलाएं और जुड़ गई हैं। मीरा के नेतृत्व में मुनगे के पत्ते से पाउडर तैयार हो रहा है। यह पाउडर कुपोषण की अचूक दवा है। इसकी पैकेजिंग भी वे खुद करती हैं। उनके उत्पाद को बिहान कार्यक्रम के तहत जिला पंचायत की टीम बाजार उपलब्ध करा रही है।

मीरा कन्नौजे के पास दो एकड़ जमीन है। बाकी जमीन किराए पर लेकर उन्होंने उसमें मुनगे के पौधों का रोपण किया। छह महीने में मुनगे से उन्होंने कमाई की। वे मुनगे के पत्ते को सुखाकर पाउडर बनाने के काम में जुट गईं। उनके अनूठे प्रयोग को देखकर प्रशासन भी उनके साथ आ गया। फिर क्या था, उनके उत्पाद बाजार में छा गए। वे बताती हैं कि पहले किसी तरह परिवार का खर्च चलता था। अब कोई दिक्कत नहीं है। अभी तक ये मुनगे की लगभग पांच टन पत्तियों से पाउडर बना चुकी हैं।

मीरा कन्नौजे के मुनगे की गुणवत्ता के चलते महिला एवं बाल विकास विभाग ने भी समूह से डेढ़ लाख रुपये का मुनगे का पाउडर खरीदा। वैसे इनके उत्पाद वन एवं विकास निगम की दुकानों के अलावा रायपुर के प्रमुख बाजार के आयुर्वेदिक संस्थानों में मिलता है।

मुनगे की 10 किलो पत्ती से एक किलो पाउडर तैयार किया जाता है। इसकी कीमत 600 रुपये प्रति किलोग्राम है।

कुपोषण से लड़ने के गुण के कारण मुनगे का पाउडर आंगनबाड़ी और स्कूलों में अनिवार्य रूप से दिया जा रहा है। दूध पिलाने वाली माताओं के लिए भी यह लाभकारी है। मुनगा सेंजन या सहजन आदि नामों से जाना जाता है। 300 से अधिक रोगों में इसका प्रयोग होता है। मुनगे में 92 तरह के विटामिन, 46 तरह के एंटी आक्सीडेंट, 36 तरह के दर्द निवारक और 18 तरह के एमिनो एसिड मिलते हैं।

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