हमारे भारतवर्ष में कुछ मंचले नेता इस प्रकार बयान देते हैं, जैसे-कुवार में कुत्ता रोता है, ठीक उसी प्रकार चुनाव में अज्ञानता का परीचय देते हैं की किसी भी व्यक्ति को पैराशूट बोल देते हैं, किसी का बच्चा विदेश पढ़ने जाता है और जब वह पढ़ाई पुरी करके अपने देश वापस आता है तो उसको क्या कहते हैं, क्या उसके घरवाले उसको पैराशूट कहके संबोधित करते हैं, ऐसे में तों हमारे मुख्यमंत्री का परीवार उत्तर प्रदेश के रहने वाले हैं, इसी प्रकार नरेन्द्र मोदी लोकसभा का चुनाव दुसरे राज्य में आकर बनारस में चुनाव लड़े, तो क्या वे सब पैराशूट नहीं हैं। पैराशूट बोलने वाले थोड़ा सर्म करें, जिन लोंगो को पैराशूट की परिभाषा जानकारी न हो तो किसी व्यक्ति के रियासत में रहकर उसकी आलोचना करना बुद्धहीनों का काम है, एक कहावत है, कुत्ता वफादार हो सकता है पर इंसान वफादार नहीं हो सकता।