रायपुर। लगभग 500 साल बाद अयोध्या में श्रीराम मंदिर का भूमिपूजन बुधवार को भाद्रपद कृष्ण पक्ष की दूज तिथि पर अभिजीत मुहूर्त में संपन्न हुआ। इस मुहूर्त में अनेक शुभ संयोगों के बीच पूजन होने से भारत का सौभाग्य बढ़ेगा और भविष्य में संपूर्ण विश्व में भारत का नाम रोशन होगा। ज्योतिषाचार्य विनीत शर्मा के अनुसार साल 2020, हिंदू पंचांग का संवत्सर 2077 है और इसका नाम प्रमाथी संवत्सर है। अभिजीत मुहूर्त में सूर्य बली होकर विराजमान है, शुभ बुधादित्य योग बन रहा है। गुरु स्वयं की राशि में शुभ होकर विराजमान है, शनि ग्रह शश योग बना रहा है। छठवें भाव में मंगल शत्रुहंता योग बना रहा है। भगवान श्री रामचंद्र सूर्यवंशी रहे और सूर्य की स्थिति इस समय बहुत प्रभावशाली है। अभिजीत मुहूर्त में सूर्य दशम भाव में रहता है और विशेष बल को प्राप्त है। लग्न स्वामी शुक्र महाराज प्रबल मित्र के भाव में भाग्य भाव में बैठे हैं। उक्त सारे संयोग में पूजा विशेष फलदायी है।
वेदों के अनुसार वर्तमान में नभष्य मास चल रहा है और शतभिषा नक्षत्र में शिलान्यास कार्य संपन्ना हुआ। पुरोहित ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को श्री सुक्तम और यजुर्वेद के शुभ मंत्रों का उच्चारण करके पूजा संपन्ना करवाई। चांदी के कछुओं, नाग-नागिन समेत कुल नौ पवित्र पत्थरों की पूजा हुई। नौ का अंक मंगल प्रधान माना जाता है, इसलिए मंदिर निर्माण में मंगल ही मंगल होगा।