नई दिल्ली: सचिन पायलट और कांग्रेस के बीच विवाद अब हाईकोर्ट पहुँच गया है. हाईकोर्ट में इस मामले में सुनवाई हुई. सुनवाई वीडियो कॉन्फ्रेंस से हुई. सुनवाई शुरू होने के साथ ही टाल भी दी गई. सचिन पायलट खेमे ने मांग की है कि सिंगल बेंच की बजाय डबल बेंच जजों के द्वारा सुनवाई हो. क्योंकि ये बड़ा मामला है. सचिन पायलट खेमा विधानसभा अध्यक्ष के नोटिस को लेकर राजस्थान, हाईकोर्ट पहुंचे हैं. हाईकोर्ट में सिंगल बेंच द्वारा सुनवाई हो रही थी
विधानसभा से सदस्यता जाने के खतरे के सचिन पायलट खेमे की दलील दी है कि वह किसी भी तरह से पार्टी विरोधी गतिविधियों में शामिल नहीं हैं. गहलोत सरकार के खिलाफ उन्होंने ऐसा कोई काम नहीं किया है. ऐसे में अयोग्य ठहराए जाने का नोटिस क्यों दिया गया है. साथ ही मीटिंग सदन के बाहर थी और सदन के बाहर की मीटिंग में शामिल नहीं होने के लिए नोटिस नहीं दिया जा सकता है. सचिन पायलट खेमे का कहना है कि वह कांग्रेस में ही हैं. कांग्रेस के प्रति उनकी निष्ठा है
हाईकोर्ट में कांग्रेस की ओर से अभिषेक मनु सिंघवी और सचिन पायलट खेमे की ओर से मुकुल रोहतगी सुनवाई में पैरवी कर रहे हैं. ये याचिका विधायक पृथ्वीराज मीना ने दायर की है
बता दें कि सचिन पायलट ने अपने 19 विधायकों के साथ गहलोत सरकार के लिए बगावत कर दी थी. उन्होंने कहा था कि गहलोत सरकार अल्पमत में है. कई दिन तक चली खींचतान के बीच राजस्थान में अशोक गहलोत ने बाजी जीतते हुए सरकार बचा ली. कांग्रेस ने बड़ी कार्रवाई करते हुए सचिन पायलट को डिप्टी सीएम और प्रदेश अध्यक्ष के पद से हटा दिया था. हालाँकि कांग्रेस ने सचिन पायलट ने थोड़ा नरम रुख अपनाते हुए वापसी के लिए कहा था. इसके बाद अयोग्य ठहराए जाने के लिए विधानससभा अध्यक्ष के समक्ष याचिका भी दायर की है. सचिन पायलट खेमा इसी के खिलाफ हाईकोर्ट गए हैं.