चीन के उत्पादों की विश्वसनीयता पर दुनियाभर में सवाल पहले से ही उठते रहे हैं। कोविड-19 संक्रमण के दौरान उसे वायरस के प्रसार से लेकर टेस्टिंग किट तक के मामले में इस स्थिति का सामना करना पड़ा।
वहीं दोनों देशों के बीच में शिखर नेतृत्व के स्तर से लेकर सैन्य कमांडर स्तर तक के रिश्ते में बड़ी खटास आई है। पूर्व विदेश सचिव शशांक का कहना है कि इससे दोनों देशों के बीच में आपसी विश्वास बहाली के प्रयासों को करारा झटका लगा है। चीन ने भारत के साथ अपने रिश्ते को फिर 1960-70 के दशक में पहुंचा दिया है।
मेजर जनरल (पूर्व) लखविंदर सिंह का कहना है कि दुनिया में भरोसे के मामले में भारत का स्थान जितना मजबूत है, चीन का उतना ही खोखला है। 15 जून की रात में दोनों देशों के सैनिकों के बीच में हुई हिंसक झड़प की पहल करके चीन ने इसे फिर दोहरा दिया है।
सेना मुख्यालय के एक अन्य सूत्र का कहना है कि वादा खिलाफी भारत ने नहीं, चीन ने की है। दोनों देशों के बीच में सैन्य कमांडरों के बीच में बनी सहमति का पालन चीन के सैनिकों ने तोड़ा है। बताते हैं भारतीय सेना हमेशा से वास्तविक नियंत्रण रेखा का सम्मान करती रही है।
मेजर जनरल स्तर के अधिकारी का कहना है कि कदाचित भारतीय सैनिकों के गश्तीदल ने भूल से भी एलसीए को पार किया तो चीन की तरफ शिकायत आने पर भारतीय सैनिक सीमा में लौट आए।
सूत्र का कहना है कि भारतीय सैनिकों ने हमेशा वास्तविक नियंत्रण रेखा, चीन के समझौते और सहमति का सम्मान किया। जबकि चीन के सैनिक इस तरह का विश्वास नहीं बना पाए।
पूर्व विदेश सचिव शशांक का कहना है कि इस घटना से चीन ने अंतरराष्ट्रीयस्तर पर विश्वास खोया है। हालांकि इसमें कहीं न कहीं भारत की तरफ से कूटनीतिक और विदेश नीति में खामी मानी जा रही है।
लेकिन रणनीतिकारों का कहना है कि यह समय इस तरह के सवाल उठाने का नहीं है। अभी तो गलतियों से सबक लेकर आगे बढ़ने की जरूरत है। ताकि भारत-चीन सीमा पर शांति, स्थायित्व और सौहार्द बना रहे।
कूटनीतिक प्रयासों से चीन यथा संभव भारत का क्षेत्र खाली कर दे। भारतीय वायुसेना के पूर्व अध्यक्ष एयरचीफ मार्शल पीवी नाईक कहते हैं कि चीन की सेना ने दोनों देशों के बीच में रिश्ते को नया मोड़ दे दिया है।
चीन को समझना चाहिए कि यह 1962 नहीं है। भारत जवाब देने में सक्षम है। पूर्व वायुसेनाध्यक्ष का कहना है कि भारतीय सेनाएं कभी अपनी मर्यादा नहीं लांघती, लेकिन यदि सरकार निर्णय तो किसी भी चुनौती से निबटा जा सकता है।