भारत में हर साल 26 जनवरी को गणतंत्र दिवस मनाया जाता है, जो देश के संविधान को लागू करने की याद में मनाया जाता है। इस दिन 1950 में भारत का संविधान लागू हुआ था, जो देश को एक स्वतंत्र और संप्रभु राष्ट्र बनाने के लिए महत्वपूर्ण था। भारतीय संविधान के मुख्य वास्तुकार डॉ. बीआर अंबेडकर ने कहा था, “संविधान महज एक वकील का दस्तावेज नहीं है, यह जीवन का वाहन है और इसकी आत्मा हमेशा युग की भावना है” । इस संविधान को अपनाने के उपलक्ष्य में देश 76वें गणतंत्र दिवस का जश्न मनाने के लिए तैयार हो रहे है।
गणतंत्र दिवस का इतिहास
गणतंत्र दिवस का इतिहास 1929 में शुरू होता है, जब लाहौर में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस का अधिवेशन हुआ था। इस अधिवेशन में पंडित जवाहरलाल नेहरू ने पूर्ण स्वराज का प्रस्ताव पारित किया था, जिसमें कहा गया था कि यदि अंग्रेज सरकार 26 जनवरी 1930 तक भारत को स्वायत्तयोपनिवेश (डोमीनियन) का पद नहीं देगी, तो भारत खुद को पूरी तरह से स्वतंत्र घोषित कर देगा।
गणतंत्र दिवस का महत्व
– संविधान का महत्व: गणतंत्र दिवस भारत के संविधान को लागू करने की याद में मनाया जाता है, जो देश के नागरिकों के अधिकारों और कर्तव्यों को परिभाषित करता है।
– राष्ट्रीय एकता का महत्व: गणतंत्र दिवस भारत की राष्ट्रीय एकता को बढ़ावा देने के लिए मनाया जाता है, जो देश के नागरिकों को एकजुट करने में मदद करती है।
गणतंत्र दिवस कैसे मनाया जाता है?
गणतंत्र दिवस भारत में एक राष्ट्रीय अवकाश के रूप में मनाया जाता है, जिसमें देश के विभिन्न हिस्सों में विभिन्न कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं। इन कार्यक्रमों में शामिल हैं:-
– राष्ट्रीय ध्वज का आरोहण: गणतंत्र दिवस के दिन राष्ट्रीय ध्वज का आरोहण किया जाता है, जो देश की स्वतंत्रता और संप्रभुता का प्रतीक है।
– राष्ट्रीय गान: गणतंत्र दिवस के दिन राष्ट्रीय गान गाया जाता है, जो देश की एकता और अखंडता का प्रतीक है।
– सैन्य परेड: गणतंत्र दिवस के दिन सैन्य परेड आयोजित की जाती है, जो देश की सैन्य शक्ति और साहस का प्रतीक है।
– सांस्कृतिक कार्यक्रम: गणतंत्र दिवस के दिन सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं, जो देश की सांस्कृतिक को परिभाषित करता है।