अंबिकापुर। मध्य भारत का शिमला कहे जाने वाले छत्तीसगढ़ के मैनपाट की खूबसूरती मानसून की पहली बारिश में ही निखर गई है। झरनों ने इस खूबसूरती में चार चांद लगा दिया है। उत्तरी छत्तीसगढ़ के सरगुजा जिले में विंध्य पर्वतमाला पर समुद्रतल से करीब साढ़े तीन हजार फीट की ऊंचाई पर बसा है मैनपाट। ऊंची पहाड़ियों व वनों से ढके करीब 13 किलोमीटर क्षेत्रफल वाले इस इलाके में नदियां व झरने लोगों को आकर्षित कर रहे हैं। झरने पूरे शबाब पर हैं। चारों ओर हरियाली नजर आ रही है। मैनपाट के टाइगर प्वाइंट, फिश प्वाइंट, परपटिया का मनोहारी दृश्य लोगों को आकर्षित कर रहा है। साल के वृक्षों के पत्ते झड़ने के बाद नए पत्ते निकल आए हैं। पिछले दो-तीन दिनों से बारिश के बीच धुंध से नजारा ऐसा लग रहा है मानो बादल जमीन पर उतर आए हों। लॉकडाउन की वजह से दूसरे प्रदेशों व जिलों से आने वाले सैलानियों की संख्या नहीं है, लेकिन मैनपाट के स्थानीय लोग इस सीजन में मैनपाट के अप्रतिम सौंदर्य से रोमांचित हो रहे हैं। छत्तीसगढ़ के प्रमुख पर्यटन केंद्रों में शामिल मैनपाट में मानसून की पहली बारिश के बाद कलकल करतीं नदियां व झरनों के अलावा सजे-धजे तिब्बती कैंप भी लोगों को आकर्षित करते रहे हैं।
मैनपाट में पर्यटन सुविधाओं के विस्तार के लिए भी लगातार काम चल रहा है। वर्तमान में यहां निजी क्षेत्र के तीन बड़े होटल के अलावा पर्यटन मंडल का मोटल है। राज्य सरकार ने मैनपाट के कमलेश्वरपुर में नए रेस्ट हाउस की भी मंजूरी प्रदान की है। कमलेश्वरपुर के नजदीक ही मैनपाट के अधिकांश पर्यटन स्थल स्थित हैं।
क्षेत्रीय विधायक और प्रदेश के खाद्य मंत्री अमरजीत भगत बताते हैं कि वे लगातार मैनपाट में सुविधाओं के विस्तार के लिए प्रयासरत हैं। मैनपाट क्षेत्र में अधोसंरचना विकास और पर्यटन सुविधाओं के विकास के लिए इस वर्ष बजट में कई प्रावधान किए गए हैं।
कमलेश्वरपुर में कई किमी तक सड़क बत्ती की व्यवस्था की गई है। शाम ढलते ही मैनपाट दूधिया रोशनी से नहाएगा। कमलेश्वरपुर से काराबेल जाने वाले मार्ग पर बिजलहवा तिराहा से ब्लाक मुख्यालय नर्मदापुर तक नई सड़क बनेगी। मैनपाट के सभी पर्यटन स्थलों तक पहुंचने के लिए आंतरिक सड़कों का भी निर्माण कराया जाएगा।
लॉकडाउन की वजह से लंबे समय तक घरों में रहे कैद रहे सरगुजावासी अब थोड़ी छूट मिलने के साथ ही मैनपाट जाना ही पसंद कर रहे हैं। मैनपाट की खूबसूरती के फोटो व वीडियो सोशल मीडिया में भी वायरल हो रहे हैं। हर रोज अंबिकापुर शहर से बड़ी संख्या में लोग मैनपाट पहुंच रहे हैं। अंबिकापुर से दरिमा होते मैनपाट तक बेहतर सड़क हो जाने के कारण लोगों की पहुंच भी आसान हुई है। स्थानीय रहवासी भी झरने का नजारा देखने पहुंच रहे हैं।