आख़िर वही हुआ जिसकी आशंका थी, 20 मई को बीमारी गुजरात से हमारे ज़िले में भी प्रवेश कर गई है. संतोष की बात यह है कि हमने तीसरे दिन ही इसको पकड़ लिया है, ज़ाहिर है फैलाव की संभावना न्यूनतम है. लाक डाऊन की शिथिलताओं से रिस्क बढ़ा है, पर इसका कोई विकल्प भी नहीं है. अब हमें न केवल स्वयं बहुत सावधान रहना होगा वरन बीमारी के संभावित संवाहक व्यक्तियों की निगहबानी भी गंभीरता से करना होगी.
- ज़िले के बाहर से आने वाले व्यक्तियों को अनिवार्यत: संस्थागत कोरन्टाईन कराना बहुत अच्छा विकल्प नहीं है क्योंकि हज़ारों की संख्या में लोग आ रहे हैं जो हमारे ही किसी परिवार के नज़दीकी सदस्य है. इनमें से अधिकांश व्यक्तियों में कोरोना नहीं है. संस्थागत कोरन्टाईन में रहते समय कोई एक व्यक्ति भी कोरोना पाजिटिव आ गया तो वह बहुत सारे निर्दोष व्यक्तियों को संक्रमित कर देगा. नरसिंहपुर जैसे जागरूक ज़िले में होम कोरन्टाईन एक अच्छा विकल्प है, इसमें संक्रमण के प्रसार की संभावना संस्थागत कोरन्टाईन की तुलना में अत्यंत सीमित होती है.
- होम कोरन्टाईन में रहने वाले व्यक्ति, उनका परिवार और उनका अड़ोस-पड़ोस यदि ठान लें तो कोरन्टाईन बनाये रखना बहुत कठिन नहीं है. यदि केवल मई के महीने में ही बाहर से आने वाले व्यक्तियों की सँभाल कर ली जाये तो लगभग 99% तक ख़तरे से बचा जा सकता है.
- इन्दौर, भोपाल, जबलपुर, होशंगाबाद, रायसेन और सागर सहित गुजरात, महाराष्ट्र, तमिलनाडु, राजस्थान, तेलगांना आदि राज्यों से आये हुये व्यक्तियों को उनकी दहलीज़ तक ही सीमित रखना बहुत ज़रूरी है. होम कोरन्टाईन के उल्लंघन की स्थिति में कड़ी कार्रवाई के निर्देश पूर्व में ही जारी किये जा चुके हैं. फ़ील्ड स्टाफ़ को कड़ी निगरानी बनाये रखने की हिदायत दे दी गई है.
- अब स्वअनुशासन बनाये रखना भी ज़रूरी हो गया है. बुजुर्ग, गंभीर बीमारियों से पीड़ित व्यक्ति और बच्चे यदि घर में ही रहें तो कोरोना फैलने के बावजूद मौतो की संख्या नगण्य हो सकती है.
- माननीय प्रधानमंत्री जी ने *जनता कर्फ़्यू * का एक सशक्त हथियार हमें दिया है. हम सब मिलकर इस हथियार का उपयोग कोरोना को हराने में कर सकते हैं. यदि जनता स्व प्रेरणा से सप्ताह में दो से तीन दिन जनता कर्फ़्यू का पालन करें तो कोरोना बढ़ने से पहले ही अत्यंत क्षीण हो जायेगा.
- मास्क ज़रूर लगायें. मास्क को बार बार स्पर्श न करें . उसे सावधानी के अच्छी तरह साथ धोकर ही इस्तेमाल करें. ध्यान रखें कि सावधानी नहीं रखने पर मास्क स्वयं बड़ा ख़तरा बन सकता है.मुँह, नाक और आँख को बिल्कुल हाथ न लगायें. हाथों को हर आधे घंटे में साबुन से अच्छी तरह धोते रहें. बाहर निकलने पर यह मानकर चलें कि हर व्यक्ति कोरोना पाजिटिव है और उससे पर्याप्त दूरी बनाये रखें. कोरोना आपका कुछ नहीं बिगाड़ सकेगा.