इंदौर। गुरुवार को अपने पहले नियमित सफर पर वारणसी से रवाना हुई काशी-महाकाल एक्सप्रेस आज सुबह इंदौर पहुंची। जब ट्रेन को इंदौर से अपने वापसी के पहले सफर पर रवाना किया जा रहा था, तब रेलवे कर्मचारियों ने निजीकरण का विरोध करते हुए जमकर प्रदर्शन किया।
सूत्रों के मुताबिक जब ट्रेन इंदौर पहुंची तो ढोल बाजों के साथ इस विशेष ट्रेन का स्वागत किया गया। इस दौरान रेलवे स्टेशन पर 70-80 जीआरपी के जवान मौजूद थे। हालांकि इस निजी ट्रेन का रेलवे कर्मचारी विरोध कर रहे हैं। ऐसे में पुलिस और रेल प्रशासन को आशंका थी कि रेलवे कर्मचारी विरोध प्रदर्शन कर सकते हैं, इसलिए सुरक्षा के लिहाज से अतिरिक्त पुलिस का भी इंतजाम किया गया था। जीआरपी के एडिशनल एसपी राकेश खरखा भी मौके पर मौजूद थे।
जब ट्रेन वापस काशी के लिए रवाना होने लगी को कई रेलवे कर्मचारी भी प्लेटफार्म पर पहुंच गए और इसका विरोध करते हुए केंद्र सरकार विरोधी नारे लगाए और रेलवे के निजीकरण का आरोप लगाया।
पश्चिम रेलवे कर्मचारी संघ के मंडल अध्यक्ष एसएस शर्मा ने कहा कि हम रेलवे के निजीकरण का विरोध कर रहे हैं। केंद्र सरकार रेलवे को पूंजीवादियों को हाथों में सौंप रही है। उन्होंने कहा कि हम सभी तेजस ट्रेन का विरोध कर रहे हैं। हम भगवान का विरोध नहीं कर रहे हैं, हम निजीकरण का विरोध कर रहे हैं। काशी महाकाल ट्रेन में सभी कर्मचारी निजी कंपनी के तैनात किए गए हैं।
काशी महाकाल एक्सप्रेस को जब वापस वाराणासी के लिए रवाना किया गया तो इंदौर सांसद शंकर लालवानी भी रेलवे स्टेशन पहुंचे। सांसद ने रेल इंजिन की पूजा की और नारियल फोड़ा। पूजा पाठ करने के बाद सांसद ने हरी झंडी दिखाकर ट्रेन का काशी के लिए रवाना किया।