अंबिकापुर । वेलेंटाइन-डे के विरोध के नाम पर अंबिकापुर के संजय पार्क में कथित रूप से पुलिस की मौजूदगी के बावजूद विद्यार्थियों को आतंकित करने का एक वीडियो सोशल मीडिया में वायरल हुआ है। हाथ में डंडा लिए कुछ युवक एक युवती को दौड़ाते नजर आ रहे हैं। खुलेआम गुंडागर्दी और छेड़खानी की तर्ज पर युवती को दौड़ाने वाले युवाओं द्वारा इस वीडियो को खुद ही सोशल मीडिया में वायरल किया गया है।
अभी तक सरगुजा पुलिस इस वायरल वीडियो से अनजान है। वीडियो के वायरल होने के बाद शहरवासियों में नाराजगी दिख रही है और कुछ वर्षों पूर्व तथाकथित संगठनों द्वारा वेलेंटाइन डे के विरोध के नाम पर शहर की शांति, सुरक्षा और कानून व्यवस्था को खुली चुनौती देने की फिर से शुरुआत की संज्ञा भी देने लगे हैं।
अंबिकापुर शहर में लगभग एक दशक पहले कुछ संगठनों द्वारा वेलेंटाइन डे के विरोध के नाम पर पार्क, होटल और सार्वजनिक स्थानों पर जाकर खुलेआम गुंडागर्दी की जाती थी। प्रेमी जोड़ों को पकड़ने के नाम पर की जाने वाली गुंडागर्दी से निपटने के लिए पुलिस भी सख्त रवैय्या अपनाया करती थी।
ऐसे संगठनों से जुड़े लोगों पर सुबह से ही नजर रखा जाता था। उन्हें पकड़ने और सार्वजनिक स्थानों पर प्रवेश न करने देने की कोशिश की जाती थी। पिछले कुछ वर्षों से सबकुछ शांतिपूर्वक चल रहा था। वेलेंटाइन डे को लेकर न तो कोई सार्वजनिक आयोजन होता है और न ही ऐसी कोई गतिविधि की इसका विरोध करना पड़े, लेकिन इस साल फिर से युवाओं के समूह ने जिस तरीके से संजय पार्क में स्कूली छात्र-छात्राओं को डंडा लेकर दौड़ाया है, उससे शहर में लचर पुलिसिंग का एक और नायाब नमूना देखने को मिला है।
कहने को तो संजय पार्क सहित शहर के दूसरे सार्वजनिक स्थानों पर वेलेंटाइन डे के मद्देनजर पुलिस अधिकारियों-कर्मचारियों की ड्यूटी लगाई गई थी, लेकिन उनकी मौजूदगी में किस तरीके से संजय पार्क में घुसकर युवाओं के समूह ने सामान्य लोगों को आतंकित किया है, यह जांच का भी विषय है।
नईदुनिया के पास उपलब्ध वायरल वीडियो में साफ नजर आ रहा है कि हुड़दंग मचाते हुए कुछ युवक संजय पार्क के ट्वाय ट्रेन के नजदीक एक युवती को पकड़ने के लिए हाथ में डंडा लेकर छेड़खानी की तर्ज पर घेराबंदी कर रहे हैं और वह युवती खुद को बचाने के लिए बदहवास भाग रही है। बातचीत के दौरान गाली-गलौज और नारेबाजी करते हुए युवाओं का यह समूह ट्वाय ट्रेन के ट्रैक पर चलता हुआ भी नजर आ रहा है। वायरल वीडियो सभ्य समाज में स्वीकार करने लायक नहीं है।
अंबिकापुर शहर शांत है। यहां स्वच्छ मनोरंजन के दो-तीन केंद्र हैं, जहां लोग परिवार के साथ जाते हैं। ऐेसे सार्वजनिक स्थान पर आतंक का माहौल निर्मित करते हुए युवती को दौड़ाने का वीडियो वायरल होने के बाद न सिर्फ पुलिस की किरकिरी हो रही है, बल्कि यह सवाल भी उठ रहा है कि इन युवाओं को यह ठेका किसने दे दिया कि वे किसी भी सार्वजनिक स्थान पर जाकर युवतियों को दौड़ाने और आतंक का माहौल निर्मित करेंगे। सोशल मीडिया में वीडियो वायरल हो चुकी है, लेकिन सरगुजा पुलिस पूरे मामले से अनजान बनी हुई है। इसी से अंदाजा लगाया जा सकता है कि अंबिकापुर शहर में पुलिसिंग की क्या स्थिति है।
अंबिकापुर शहर की पुलिसिंग पूरी तरीके से ध्वस्त हो चुकी है। लगातार असामाजिक व आपराधिक घटनाएं बढ़ रही हैं। खासकर महिला व बालिका सुरक्षा को पूरी तरीके से दरकिनार किया जा रहा है। शहर में आधे से अधिक पुलिस अधिकारी-कर्मचारी वर्षों से सेटिंग के आधार पर जमे हुए हैं। छोटी पारिवारिक अथवा पड़ोसी से वाद-विवाद की शिकायतों पर तरजीह देकर अवैध उगाही में ज्यादा रूचि दिखाने वाले पुलिस अधिकारियों-कर्मचारियों को शहर की शांति, सुरक्षा व कानून व्यवस्था से कोई सरोकार नहीं रह गया है।