केंद्र सरकार आरटीआई खत्म कर रही है और चुनावी चंदे को बढ़ावा दे रही हैजो डिग्री नहीं दिखा सके वो लोगों से प्रमाणित करने को कह रहे
माकपा के महासचिव सीताराम येचुरी ने एनपीआर ;राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर और एनसीआर ;राष्ट्रीय नागरिकता रजिस्टर को लेकर केंद्र सरकार पर जोरदार हमला बोला है येचुरी ने केंद्र सरकार पर आरटीआई ;सूचना का अधिकार खत्म करने इलेक्टोरल बॉन्ड्स ;चुनावी चंदा को बढ़ावा देने और सरकार की पारदर्शिता खत्म करने संबंधी कई गंभीर आरोप लगाए हैं
इतना ही नहीं उन्होंने प्रधानमंत्री समेत अन्य मंत्रियों पर यह कहते हुए हमला किया है कि आज वे लोग यहां के निवासियों से विश्वसनीयता साबित करने को कह रहे हैं जो अपनी शैक्षणिक डिग्री तक नहीं दिखा सकते
उन्होंने अपने ट्विटर हैंडल पर लिखा एक ऐसी सरकार जिसने आरटीआई बंद कर दी चुनावी बॉन्ड को बढ़ावा दे रहे हैं जिनके कार्यकाल में पारदर्शिता नाम की कोई चीज नहीं है पीएम और मंत्री अपनी डिग्री तक नहीं दिखा सकते लेकिन लोगों से अपनी नागरिकता साबित करने को कह रहे हैं वो यह सब करके बच नहीं सकते
उन्होंने लिखा कि एनपीआर एनआरसी के लिए कागजात तैयार कर रहा है जो यहां के भारतीयों को परेशान करने के लिए है केंद्र सरकार इस तरह लोगों को परेशान करना बंद करे और एनपीआर और भेदभाव वाले एनआरसी को तत्काल प्रभाव से खत्म करे
एनपीआर भारत में रहने वाले स्वाभाविक निवासियों का एक रजिस्टर है जिसे ग्राम पंचायत तहसील राज्य और राष्ट्रीय स्तर पर तैयार किया जाएगा नागरिकता कानून 1955 और सिटिजनशिप रूल्स 2003 के प्रावधानों के तहत यह रजिस्टर तैयार होता है
केंद्र सरकार का कहना है कि देश के सभी निवासी उनकी पहचान और अन्य जानकारियों के अधार पर उनका डेटाबेस तैयार करने के लिए यह प्रक्रिया की जा रही है जिससे कि सरकारी योजनाओं को तैयार करने धोखाधड़ी रोकने और हर परिवार तक स्कीमों का लाभ पहुंचाने के लिए किया जा रहा है
देशभर में अभी नागरिकता ;संशोधन अधिनियम 2019 और एनआरसी का विरोध हो रहा है क्योंकि इसमें बाहर से आए मुस्लिमों को नागरिकता नहीं देने की बात कही गई है लेकिन एनपीआर में संदिग्ध नागरिकता की पहचान की बात कही गई है
संदिग्ध नागरिकता का प्रावधान सिटीजनशिप रूल्स 2003 ;रजिस्ट्रेशन ऑफ सिटीजन्स ऐंड इश्यू ऑफ नेशनल आइडेंडिटी कार्ड्स में दिया गया है जिसके तहत ही तैयार किया जा रहा है